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अखिलेश यादव Vs एसपी सिंह बघेल, करहल सीट पर पड़े वोट किसके पक्ष में दे रहे संकेत

Karhal Seat Voting: अबकी बार इस सीट पर 45 सालों का रिकॉर्ड टूट गया.

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उत्तर प्रदेश के तीसरे चरण में 16 जिलों की 59 सीटों पर 61% मतदान हुआ. मैनपुरी (Mainpuri) की करहल सीट (Karhal Seat) पर औसत से 4% ज्यादा वोट पड़े. यहां से एसपी चीफ अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल (SP Singh Baghel) के बीच टक्कर है. वोटिंग की दिलचस्प बात ये रही कि अबकी बार 45 सालों का रिकॉर्ड टूटा है.

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अबकी बार कैसे टूटा 45 साल का रिकॉर्ड?

मैनपुरी जिले में करहल विधानसभा सीट आती है. ये मुलायम सिंह यादव की पारंपरिक सीट मानी जाती है. 1977 से लेकर 2017 तक 11 विधानसभा के चुनाव हुए, जिसमें 5 बार एसपी जीती. 2007 से लगातार एसपी का कब्जा है.

करहल सीट पर जनता दल 2 बार, कांग्रेस 1 बार, लोकदल 1 बार, झारखंड पार्टी 1 बार, बीजेपी 1 बार काबिज हुई. साल 2017 से पहले इस सीट पर सबसे ज्यादा 61.5% वोट साल 1980 में पड़े थे. उसके बाद 2022 में 65% वोट पड़े. यानी 1977 से लेकर 2022 तक पहली बार इतनी ज्यादा वोटिंग हुई.
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सिर्फ 1 बार जीती BJP-SP का रहा प्रभाव

करहल सीट पर यादव वोटर ज्यादा हैं. उससे भी ज्यादा प्रभाव मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार का है. चुनाव के दौरान कुछ वीडियो सामने आए, जिसमें दिखा कि यहां का वोटर भावनात्मक रूप से नेता जी से जुड़ा दिखा. बीजेपी ने भी टक्कर देने के लिए केंद्रीय मंत्री को मैदान में उतारा. लेकिन पुराने रिकॉर्ड देखकर जीत की उम्मीद कम ही दिखती है.

अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. वो भी अपने घर के बगल करहल सीट से. ऐसे में अबकी बार के वोटिंग पैटर्न को देख यही लगता है कि मतदान बढ़ने की एक बड़ी वजह अखिलेश यादव हो सकते हैं. ऐसे में करहल सीट पर उनके जीतने की संभावना ज्यादा दिखती है.
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करहल सीट पर जातीय समीकरण देखें तो यहां भी अखिलेश यादव फायदे में दिखते हैं. यहां पिछड़ा वर्ग के 55 प्रतिशत लोग हैं. 20 प्रतिशत सवर्ण और 20 प्रतिशत अनुसूचित जाति के वोटर हैं. 5 प्रतिशत मुस्लिम हैं. ऐसे में इस सीट से अखिलेश यादव भारी पड़ सकते हैं.

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हर बार SP उम्मीदवार को 45% से ज्यादा वोट

करहल सीट का एक और दिलचस्प फैक्ट है कि यहां से साल 1996 से लेकर 2017 तक हर बार एसपी उम्मीदवार को 45% से ज्यादा वोट मिले हैं. ये तब की स्थिति थी, जब एसपी के नाम पर वोट मिले थे. अबकी बार तो खुद अखिलेश यादव इस सीट से चुनाव लड़ रहे थे. ऐसे में वोटों का ये प्रतिशत और भी ज्यादा बढ़ सकता है. इस सीट से जुड़ा एक और इंटरेस्टिंग फैक्ट है कि अबकी बार करहल सीट से अखिलेश और एसपी सिंह बघेल दोनों ही वोट नहीं डाल सके. अखिलेश यादव ने सैफई में जसवंत नगर में वोट डाला और एसपी सिंह बघेल ने पहले चरण में आगरा में वोट किया था.

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