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कर्नाटक ‘क्‍लाइमेक्‍स’ की ओर?सरकार को स्पीकर से मिली आज की डेडलाइन

जानिए 22 जुलाई को कर्नाटक विधानसभा में क्या-क्या हुआ?

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कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही 22 जुलाई को भी बिना फ्लोर टेस्ट हुए ही 23 जुलाई तक स्थगित हो गई. बता दें कि मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने 18 जुलाई को विश्वास प्रस्ताव दिया था, जिस पर अब तक 3 दिन चर्चा हो चुकी है. इस बीच कर्नाटक विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा है कि 23 जुलाई को शाम 4 बजे तक चर्चा खत्म हो जाएगी और शाम 6 बजे तक फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.

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22 जुलाई को कर्नाटक विधानसभा में क्या-क्या हुआ?

कर्नाटक विधानसभा में 22 जुलाई को हंगामे के बीच विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई. विधानसभा स्पीकर ने सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस को बार-बार याद दिलाया कि उन्हें विश्वासमत की कार्यवाही 22 जुलाई को खत्म करने की अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करना चाहिए. हालांकि 22 जुलाई की कार्यवाही खत्म होने तक ऐसा ना हो सका.

मुख्यमंत्री कुमारस्वामी और उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर कार्यवाही की समाप्ति के समय सदन में मौजूद नहीं थे. उस समय कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा, ‘’100 प्रतिशत .. मतदान कल (23 जुलाई को) हो सकता है.’’

उधर मुंबई के एक होटल में ठहरे बागी विधायकों को चेतावनी देते हुए कर्नाटक सरकार के वरिष्ठ मंत्री डीके शिवकुमार ने उन्हें याद दिलाया कि अगर वे नोटिस के जवाब में 23 जुलाई को विधानसभा स्पीकर के सामने नहीं आए तो वे अयोग्य ठहराये जाने का सामना करेंगे. सत्तारूढ़ गठबंधन के 17 विधायकों सहित 20 विधायकों ने 22 जुलाई को सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया. इनमें दो निर्दलीय और बीएसपी सदस्य एन महेश भी शामिल थे.

बीजेपी विधायकों ने स्पीकर से फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया को 22 जुलाई को ही खत्म करने का कई बार अनुरोध किया था. 22 जुलाई को विधानसभा को लगभग 2 घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया क्योंकि कांग्रेस और जेडीएस के सदस्यों ने तब विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए और समय की मांग की, जब स्पीकर ने उन्हें इसे जल्द समाप्त करने के लिए कहा ताकि फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया पूरी हो सके.

सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर कांग्रेस-जेडीएस के सदस्यों ने नारे लगाए, ‘‘हम न्याय चाहते हैं, हम चर्चा चाहते हैं.’’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एचके पाटिल ने कहा कि फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूरा किया जाना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि “यह पूर्ण सदन नहीं है”, बागी विधायक मुंबई में हैं और सत्र में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं.

इस बीच कुमारस्वामी ने कहा कि 2 निर्दलीय विधायकों ने फ्लोर टेस्ट के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने स्पीकर से कहा, ‘‘हम 22 जुलाई को फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सहमत हो गए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में घटनाक्रम के मद्देनजर कई और विधायक बोलने के इच्छुक हैं, हमें और समय दीजिए.’’

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कर्नाटक के 2 निर्दलीय विधायकों की ताजा याचिका पर 23 जुलाई को सुनवाई करेगा, जिसमें‘‘तत्काल’’ फ्लोर टेस्ट कराए जाने का अनुरोध किया गया है.

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