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कर्नाटक: फ्लोर टेस्ट में BJP पास, कांग्रेस बोली- ये जनादेश नहीं

कुमारस्वामी बोले, हम नहीं करेंगे सरकार गिराने की कोशिश

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कर्नाटक का नाटक अब बीजेपी के बहुमत साबित करने के साथ ही खत्म हो चुका है. विधानसभा में कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा ने विश्वास मत पेश किया, जिसके बाद वो बहुमत साबित करने में सफल रहे. इसके साथ ही कर्नाटक विधानसभा स्पीकर केआर रमेश ने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया. फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा में चर्चा भी हुई, जिसमें कांग्रेस-जेडीएस ने येदियुरप्पा पर कई आरोप लगाए.

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बीजेपी के पास पूरा बहुमत होने के चलते कांग्रेस-जेडीएस ने वोटिंग की मांग नहीं की. दोनों पक्षों में वोट नहीं बांटे गए. जिसके बाद स्पीकर केआर रमेश ने ध्वनि मत से विश्वास मत पारित होने की घोषणा की.

सिद्धारमैया ने उठाए सवाल

विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले कर्नाटक कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने येदियुरप्पा सरकार के ज्यादा देर तक टिके रहने पर सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने येदियुरप्पा से कहा,

‘हम उम्मीद करते हैं कि आप राज्य के मुख्यमंत्री रहेंगे, लेकिन इसकी कोई भी गारंटी नहीं है. आप बागियों के साथ हैं. क्या आप एक स्थिर सरकार दे सकते हैं? यह नामुमकिन है. मैं इस फ्लोर टेस्ट का विरोध करता हूं क्योंकि यह सरकार असंवैधानिक तौर पर बनी है .आपके पक्ष में जनादेश कहां है?...बहुमत कहां है?...येदियुरप्पा महज 105 सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री बने हैं.’
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बागियों को सड़क पर ले आई बीजेपी: कुमारस्वामी

जेडीएस नेता और पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने फ्लोर टेस्ट से पहले कहा, 'बीजेपी ने बागी विधायकों को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया. जैसा मैं पिछले कई दिनों से देख रहा हूं. स्पीकर के फैसले ने एक कड़ा संदेश दिया है. उन्होंने जल्दबाजी में फैसला नहीं लिया. उन्होंने बारीकी से इस मामले को देखा. किसी के पास भी पावर हमेशा के लिए नहीं रहती है. चाहे वो नरेंद्र मोदी हों या जेपी नड्डा. हम आपके नंबर 100 या उससे नीचे लाने की कोशिश नहीं करेंगे. आप सूखे का जिक्र करते थे, चलिए देखते हैं आप कैसे काम करते हैं. हम लोगों के हितों के लिए आपके साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं.'

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येदियुरप्पा बोले, प्रशासनिक तंत्र को लाएंगे पटरी पर

कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि कांग्रेस-जेडीएस शासन के दौरान प्रशासनिक तंत्र पटरी से उतर गया है. उनकी प्राथमिकता इसे वापस पटरी पर लाना है. उन्होंने कहा कि वह बदले की राजनीति में शामिल नहीं होंगे क्योंकि वह भूल जाने और माफ करने के सिद्धांत पर विश्वास करते हैं. येदियुरप्पा ने कहा,

'मेरा मुख्यमंत्री बनना लोगों की उम्मीदों के अनुरूप है. मैंने कठिन स्थिति में पद संभाला है जब राज्य सूखे से ग्रस्त है. मैं विपक्ष के सहयोग की मांग करता हूं.

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