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सिद्धारमैया-शिवकुमार आमने-सामने बैठाए गए, 5 दिन में 5 चरणों से गुजरी कांग्रेस

माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री का रास्ता साफ हो जाएगा.

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कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के 5 दिन बाद भी कांग्रेस, सीएम पद के नाम का ऐलान नहीं कर सकी. मंथन पर मंथन हुए. कर्नाटक से दिल्ली तक नेताओं की दौड़ लगी. सूत्रों की मानें तो सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को आमने-सामने बैठाने का भी फैसला लिया गया. कांग्रेस के एक बड़े नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 17 मई की शाम को सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से अलग-अलग मुलाकात हुई. कुछ मुद्दों पर सुलह हुई, लेकिन पेंच फंसा रहा, जिसके बाद आमने-सामने बैठाने का निर्णय लिया गया. ऐसे में समझने की कोशिश करते हैं कि 5 दिन में वह कौन से 5 चरण हैं, जिसके जरिए कांग्रेस कर्नाटक का सीएम चुन रही है? 

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सूत्र के मुताबिक, डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम पद के लिए राजी नहीं है. शिवकुमार अपनी इच्छा मल्लिकार्जुन खड़गे, रणदीप सिंह सुरजेवाला और के.सी वेणुगोपाल से जाहिर कर चुके हैं. यही बात उन्होंने राहुल गांधी के साथ हुई बैठक में भी दोहराई. राहुल गांधी से मुलाकात के बाद डीके शिवकुमार के सामने आलाकमान ने एक प्रस्ताव रखा. उस प्रस्ताव में डिप्टी सीएम और अपने गुट के नेताओं को मंत्री पद और बड़े-बड़े पोर्टफोलियो देने की बात कही गई है. इसी प्रस्ताव को ध्यान में रखते हुए ही सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को आमने सामने बैठाने का निर्णय लिया गया है. अब समझिए पांच चरण कौन-कौन से हैं?

पहला चरण

13 मई को आए नतीजों के बाद से ही कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री को लेकर गहमागहमी का माहौल था. नतीजों के बाद कांग्रेस आलाकमान ने मुख्यमंत्री चुनने को लेकर 14 मई को विधायक दल की बैठक बुलाई थी. पर्यवेक्षक के तौर पर मौजूद रहे केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला ने विधायकों के सामने तीन विकल्प रखे थे.

कर्नाटक कांग्रेस के विधायक प्रियांक खड़गे ने क्विंट हिंदी से बातचीत में बताया था कि सीएम चुनने को लेकर विधायकों के सामने तीन विकल्प रखे गए थे.

  1. पहला: सीएम को लेकर आपकी क्या राय?

  2. दूसराः सीएम का फैसला आप आलाकमान पर छोड़ते हैं

  3. तीसराः आपकी कोई राय नहीं है?

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दूसरा चरण

जब 14 मई को मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति नहीं बनी तो आलाकमान ने सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को दिल्ली बुलाया. सिद्धारमैया तो दिल्ली पहुंच गए, लेकिन डीके शिवकुमार स्वास्थ्य का हवाला देकर दिल्ली नहीं गए. वहीं, दिल्ली पहुंचे सिद्धारमैया की मल्लिकार्जुन खड़गे, रणदीप सुरजेवाला और केसी वेणुगोपाल के साथ बैठक हुई. सिद्धारमैया ने मल्लिकार्जुन खड़गे से अलग से भी मुलाकात की. लेकिन, नतीजा साफ नहीं हो पाया.

तीसरा चरण

सिद्धारमैया के बाद डीके शिवकुमार भी दिल्ली पहुंच गए. उनकी भी खड़गे, सुरजेवाला और वेणुगोपाल के साथ मीटिंग हुई. लेकिन, बात नहीं बनी. सूत्रों की मानें तो डीके शिवकुमार सीएम पद पर अड़े रहे. हालांकि, आलाकमान की तरफ से डिप्टी सीएम का प्रस्ताव भी रखा गया था, लेकिन वह इस पर सहमत नहीं हुए.

चौथा चरण

कर्नाटक के दोनों नेताओं (डी.के शिवकुमार और सिद्धारमैया) की खड़गे, सुरजेवाला और वेणुगोपाल के साथ अलग-अलग बैठक के बाद राहुल गांधी के साथ मीटिंग हुई. दोनों नेताओं ने अलग-अलग राहुल गांधी से मुलाकात की और मुस्कुराते हुए बाहर निकले. इसी बैठक को लेकर सूत्र ने बताया कि राहुल गांधी ने डीके शिवकुमार के सामने डिप्टी सीएम और उनके लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल करने का प्रस्ताव रखा. इतना ही नहीं राहुल गांधी के प्रस्ताव में बड़े-बड़े पोर्टफोलियो भी देने की बात कही गई.

पांचवां चरण

राहुल गांधी से अलग-अलग मुलाकात के बाद रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया में आकर बयान दिया कि 48-72 घंटे में कर्नाटक को मुख्यमंत्री मिल जाएगा. इसी को ध्यान में रखते हुए अब दोनों नेताओं का आमना सामना कराने का फैसला किया गया, जिससे मामले को सुलझाया जा सके और गिले शिकवे भुलाएं जा सकें.

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