कर्नाटक में चल रहे सियासी ड्रामे के बीच अब राज्यपाल पर भी आरोप लगाए जा रहे हैं. कर्नाटक के डिप्टी सीएम जी परमेश्वर ने राज्यपाल पर खरीद फरोख्त को बढ़ावा देने आरोप लगाया है. उन्होंने कहा हि कि राज्यपाल खुद इस चीज को बढ़ावा दे रहे हैं. अपनी सरकार पर खतरे को देखते हुए परमेश्वर ने ये बयान दिया.
कर्नाटक में मुसीबत में फंसी कांग्रेस-जेडीएस सरकार के डिप्टी सीएम परमेश्वर ने राज्यपाल पर आरोप लगाते हुए कहा -
‘जब विधायक इस्तीफा सौंपने गए थे तो हमारे राज्यपाल को उनसे दो घंटे तक बातचीत करने की कोई जरूरत नहीं थी. जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें राज्यपाल पुलिस अफसर के साथ बैठे हैं. क्या किसी विधायक को कोई खतरा था, यदि किसी विधायक ने सुरक्षा मांगी होती तो पुलिस सुरक्षा की बात उठती लेकिन राज्यपाल ने पुलिस आयुक्त को बुलाया और दो घंटे तक विधायकों के साथ चर्चा करते रहे.’
बीजेपी ने किया बचाव
विधायकों के साथ बैठकर कई घंटे तक चर्चा करने के मामले को लेकर जी परमेश्वर ने कहा कि ऐसे हालात में मजबूरन हमें कहना पड़ रहा है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए राज्यपाल जिम्मेदार हैं. डिप्टी सीएम के इस बयान पर बीजेपी ने राज्यपाल का बचाव किया. बीजेपी विधायक आर अशोक ने कहा कि इस विवाद में राज्यपाल का नाम घसीटा जाना काफी निंदनीय है. उन्होंने कहा कि परमेश्वर को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए.
बीजेपी पर लगे रहे आरोप
कर्नाटक में मौजूदा हालात पर कांग्रेस और जेडीएस बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी सरकार पर खरीद फरोख्त का आरोप लगाया जा रहा है. इस मामले को लेकर सोमवार को संसद में भी खूब बवाल हुआ. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में कहा, 'मध्य प्रदेश, कर्नाटक और जहां भी कांग्रेस की सरकार है, वहां बीजेपी सरकार गुप्त तरीके से साजिश रच रही है. ये हमारी पार्टी के विधायकों को मुंबई ले गए और उन्हें आलीशान होटल में रखा गया है. राज्यपाल के दफ्तर से निकलते ही उनके लिए गाड़ी, प्लेन और होटल तैयार था. फिर भी ये मानने को तैयार नहीं हैं. ये सरकार लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रही है.'
वहीं इसके जवाब में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, 'आज तक हमारी पार्टी का इतिहास रहा है कि हम किसी भी विधायक को प्रलोभन देकर दल बदल कराने की कोशिश नहीं करते हैं. जो भी सवाल उठाए जा रहे हैं उन पर ये कहना चाहता हूं कि इस्तीफा देने का सिलसिला हमने शुरू नहीं किया. कांग्रेस में तो खुद राहुल गांधी जी ने ही इस्तीफा देने की परंपरा शुरू कर दी है.'
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