कर्नाटक चुनाव के नतीजे 15 मई को आएंगे. इससे पहले कई न्यूज चैनल और एजेंसियों के एग्जिट पोल सामने आ चुके हैं. इक्का-दुक्का एग्जिट पोल को छोड़कर सभी में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने की बात सामने आ रही. गुजरात समेत तमाम विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल सटीक साबित नहीं हुए थे, एग्जिट पोल के आंकड़ों से नतीजा काफी अलग आया.
- गुजरात, तमिलनाडु, बिहार और दिल्ली विधानसभा चुनाव में ज्यादातर एग्जिट पोल के अनुमान और नतीजों में काफी अंतर था
- बिहार, तमिलनाडु और दिल्ली विधानसभा चुनाव में ज्यादातर एग्जिट पोल में तो ये फर्क जमीन-आसमान का था
- हरियाणा, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कुछ एग्जिट पोल काफी हद तक सही साबित हुए
- उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और हरियाणा विधानसभा चुनाव में लगभग सभी एग्जिट पोल ने सीटों के लिहाज से सबसे बड़ी पार्टी का जो दावा किया वो बिल्कुल सटीक निकला
((बता दें कि हमने यहां गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली और हरियाणा विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल का विश्लेषण किया है))
कर्नाटक में वोटिंग के बाद शनिवार को आए एग्जिट पोल, कुछ ऐसे आंकड़े बता रहे हैं
आपको बताते हैं 2014 के आम चुनाव के बाद हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों और एग्जिट पोल में कितना अंतर रहा-
1. गुजरात विधानसभा चुनाव, 2017
गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे से पहले ज्यादातर एग्जिट पोल में बीजेपी को 100 सीटों से कहीं ज्यादा मिलने का अनुमान लगाया गया था. लेकिन किसी भी चैनल-एजेंसी का पोल सटीक साबित नहीं हुआ. बीजेपी को 99 सीटें हासिल हुईं. वहीं कांग्रेस ने 77 सीटें हासिल कीं.
2. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2017
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले आए एग्जिट पोल में ज्यादातर ने बीजेपी को औसतन 200 के करीब सीटें जीतते दिखाया था. चाणक्य और एक्सिस के सर्वे में बीजेपी को बहुमत के आसार दिख रहे थे. नतीजों में सारे एग्जिट पोल के दावे को पीछे छोड़ बीजेपी ने 324 सीटें हासिल की, जो कि मैजिक नंबर 202 से कहीं ज्यादा थीं.
3. पंजाब विधानसभा चुनाव, 2017
पंजाब चुनाव के नतीजों से पहले कुछ पोल्स में आम आदमी पार्टी को जीत मिलती दिखाई गई. ज्यादातर पोल्स में ये अनुमान लगाया गया था कांग्रेस और AAP के बीच कड़ी टक्कर है और अकाली दल-बीजेपी 10 सीटों से भी कम में सिमटने जा रहे हैं. नतीजों में कांग्रेस को 77 सीटों के साथ बड़ी जीत हासिल हुई, आम आदमी पार्टी को महज 20 सीटें ही मिल पाईं.
4. तमिलनाडु विधानसभा चुनाव, 2016
‘अम्मा' के राज्य में हुए इस चुनाव में ज्यादातर एग्जिट पोल एआईएडीएमके की हार का अनुमान लगा रहे थे. चाणक्य का सर्वे डीएमके की जीत का दावा कर रहा था. सर्वे में एआईएडीएमके को 90 सीटें और डीएमके को 140 सीटें दी गई थीं. लेकिन नतीजे काफी अलग थे.
एबीपी न्यूज ने अपने सर्वे में डीएमके को 132 सीटें तो एआईएडीएमके को 95 सीटें दी थीं. नतीजे आए तो सारे एग्जिट पोल धराशायी हो गए. अम्मा की पार्टी ने 134 सीटों पर जीत हासिल कर सरकार बनाई.
5. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव, 2016
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को भारी जीत मिली. 294 सीटों वाली विधानसभा में टीएमसी को 211 सीटें हासिल हुईं. इंडिया टुडे-एक्सिस के सर्वे ने टीएमसी को 243 सीटें दी थी. वहीं चाणक्य ने बीजेपी को 14 सीटें दी थी. चुनाव परिणाम में बीजेपी को 3 सीटें हासिल हुईं.
6. बिहार विधानसभा चुनाव, 2015
एग्जिट पोल के लिहाज से बिहार विधानसभा चुनाव खास था. सर्वे कराने वाली एजेंसियां- चैनल्स बंटे हुए थे. कुछ महागठबंधन (आरजेडी+जेडीयू+कांग्रेस) को जीतता दिखा रहे थे, तो कुछ बीजेपी की फतह पर मुहर लगा रहे थे. नतीजे चौंकाने वाले आए, नीतीश-लालू की ‘बयार’ ने महागठबंधन को 178 सीटें दिलाईं. किसी भी पोल में इस तरह के बहुमत का अनुमान नहीं लगाया जा सका था.
7. दिल्ली विधानसभा चुनाव, 2015
दिल्ली विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल ने अपने-अपने आंकड़े बयां किए. ज्यादातर पोल्स ने आम आदमी पार्टी को 35-45 सीटें दी थीं. हालांकि, इंडिया न्यूज- एक्सिस के सर्वे में आम आदमी पार्टी को 53 सीटें दी गईं. चुनाव के नतीजों में आम आदमी पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिली. 70 विधानसभा सीटों में से आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें हासिल की जो कि एक रिकॉर्ड है.
8. हरियाणा विधानसभा चुनाव, 2014
हरियाणा विधानसभा चुनावों में चैनल-एजेंसियों के सर्वे बीजेपी को जीतता दिखा रहे थे. न्यूज 24- चाणक्या ने बीजेपी को 52 सीटें दी थीं. एबीपी न्यूज- नीलसन ने बीजेपी को 46 सीटें दी थीं. नतीजों में बीजेपी को 47 सीटें हासिल हुई थी.
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