मनमोहन सिंह के मुताबिक नरेंद्र मोदी की भाषा प्रधानमंत्री पद के स्तर कतई नहीं है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए पहली बार प्रचार करने पहुंचे पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी गैर जिम्मेदारी से आरोप लगाए चले जा रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि प्रधानमंत्री पद की गरिमा का ख्याल रखें.
मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी की भाषा को लेकर सीधा और तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अपने विरोधियों के लिए जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं, वो इससे पहले कभी किसी पीएम ने नहीं किया.
केंद्र सरकार पर उसकी “विनाशकारी नीतियों” और “आर्थिक कुप्रबंधन'' को लेकर बोलते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि देश इस वक्त जिन संकटों का सामना कर रहा है उनसे बचा जा सकता था. सिंह ने बैंकिंग क्षेत्र में हुए फर्जीवाड़ों के सिलसिले को लेकर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ठगी लगभग चौगुनी हो गई, जो सितंबर 2013 में 28,416 करोड़ रुपये और सितंबर 2017 में 1.11 लाख करोड़ रुपये थी.
सिंह ने कहा , “इस बीच, इन धोखाधड़ी के अपराधी सजा से बच निकलने में कामयाब रहे. मैं बहुत ध्यानपूर्वक और जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं कि मोदी सरकार का आर्थिक कुप्रबंधन बैंकिंग क्षेत्र में आम लोगों के विश्वास को धीरे - धीरे खत्म कर रहा है.”
मनमोहन सिंह कर्नाटक चुनाव को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. सिंह ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बीते चार सालों में पीएम मोदी ने सिर्फ यूपीए सरकार की सफलताओं को भुनाया है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बोले मनमोहन सिंहः
- मोदी सरकार ने लोकतांत्रिक चर्चा खत्म कर दी है
- परेशानियों पर चर्चा के बजाए मोदी सरकार धमकाने में लग जाती है
- भारत जटिल और विविधता वाला देश है, एक ही आदमी के पास सारी बुद्धिमानी नहीं हो सकती
- जब भी हम मौजूदा मोदी सरकार की गलतियों की तरफ ध्यान दिलातें हैं वो उसे सुधारने के बजाए हमारे दोष ढूंढने में लग जाते हैं
- यूपीए सरकार के वक्त औसत जीडीपी ग्रोथ 7.8 परसेंट थी लगातार 10 साल
- एनडीए सरकार के वक्त अंतरराष्ट्रीय माहौल बेहतर होने के बावजूद जीडीपी ग्रोथ बहुत कम थी
- नोटबंदी और जीएसटी को जल्दबाजी में लागू किया जाना दो सबसे बड़ी भूल थीं जिसने इकोनॉमी को बहुत नुकसान पहुंचाया
- दुनिया की इकनॉमी जब अच्छा कर रही हैं तो भारत की इकनॉमी मुसीबत में फंसा दी गई है
- पेट्रोल और डीजल के दाम भारत में रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं, जबकि क्रूड के दाम काफी निचले स्तर पर हैं
- लोगों को फायदा पहुंचाने के बजाए उनसे ज्यादा दाम वसूलकर दंडित कर रही है
- टैक्स बढ़ा बढ़ाकर बीजेपी सरकार ने लोगों से 10 लाख करोड़ वसूले हैं, लेकिन इस रकम का इस्तेमाल कहां किया गया है बीजेपी सरकार बताए
- बैंकों का हालत खस्ता है, इकोनॉमी का ग्रोथ इंजन ठप पड़ा है.
- मोदी सरकार ने इकोनॉमी का जो मिसमैनेजमेंट किया है वो शर्मनाक है
- बैंकों में फ्रॉड बढ़ते जा रहे हैं, फ्रॉड करने वाले मौज के साथ विदेश चले गए हैं
- मैं पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि मोदी सरकार के कुप्रबंधन की वजह से लोगों का बैंकिंग सिस्टम से भरोसा उठता जा रहा है.
- सरकार अपना काम नहीं कर रही है, सरकार सिर्फ बहानेबाजी कर रही हैं और दूसरों पर दोष डाल रही है
- 3 साल में सरकारी बैंकों ने 3 लाख करोड़ से ज्यादा के लोन राइटऑफ किए हैं फिर भी ग्रोथ दूर दूर तक कहीं नहीं दिख रही है
- 4 साल में मोदी जी ने यूपीए सरकार की आर्थिक सफलता को डुबो दिया
- किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का वादा, सपना ही रह जाएगा
- एनडीए सरकार के वक्त एग्रीकल्चर ग्रोथ यूपीए सरकार के मुकाबले आधी रह गई है.
- मोदी सरकार से सवाल पूछो तो हर बात की जिम्मेदारी 70 सालों के शासन पर डाल देते हैं
- एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट गिर गया है, इंपोर्ट में 60 परसेंट बढ़ोतरी हुई है
- मोदी सरकार ने इकोनॉमी के पहिए पूरी तरह रोक दिए हैं
- यूपीए सरकार के 10 साल में 4 करोड़ से ज्यादा लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया
- मोदी सरकार का इस बारे में रिकॉर्ड बहुत खराब है
- बेरोजगारी शिखर पर है, स्टार्ट अप की सरकार की तरफ से मदद नहीं हो रही है
- बंगलुरू में ही यूपीए सरकार के वक्त जो आर्थिक एक्शन था वो मोदी सरकार के वक्त ठप पड़ गया है
- मोदी सरकार सिर्फ बड़े बड़े नारे बनाती है, लेकिन उसे जमीन पर उनके अमल करना नहीं आता
- स्मार्ट सिटी सिर्फ नारा रह गया है, लेकिन यूपीए सरकार के वक्त शहरों के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बहुत कमा हुआ है
- नौकरी देने में कर्नाटक सरकार का रिकॉर्ड मोदी सरकार के रिकॉर्ड से बहुत बेहतर है
- मोदी सरकार ने 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया था, पर उनकी सरकार के 4 साल में नौकरियां बर्बाद हो गई है
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