ADVERTISEMENTREMOVE AD
मेंबर्स के लिए
lock close icon

कर्नाटक में बीजेपी की हार: राजस्थान, महाराष्ट्र और हरियाणा के लिए क्या संदेश है?

Karnataka Election Result 2023: क्या बीजेपी कर्नाटक की गलतियों को अन्य चुनावी राज्यों में भी दोहराएगी?

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा

'कांग्रेस मुक्त भारत' का नारा देने वाली बीजेपी कर्नाटक (Karnataka Elections) की हार के बाद, 'दक्षिण मुक्त' हो गयी है. भगवा पार्टी की हार ने विरोधी दलों- खासकर कांग्रेस को खुश होने के बड़ा मौका दे दिया है. जबकि कई क्षेत्रीय दल 2024 को लेकर कांग्रेस को तवज्जो नहीं दे रहे थे. बीजेपी की इस हार पर सवाल भी उठ रहे हैं और इसे आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा संकेत माना जा रहा है. लेकिन क्या, आइये आपको बताते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सवाल क्या हैं?

  1. हार से आगामी चुनावों पर क्या असर होगा?

  2. बीजेपी के लिए क्या सबक है?

  3. 'ओल्ड' बनाम 'यंग' गार्ड्स के बीच कैसे बनेगा सामंजस्य?

1: हार से आगामी चुनावों पर क्या असर होगा?

साल 2023 के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव होने हैं. लोकसभा चुनाव के साथ कम से कम तीन विधानसभा चुनाव (आंध्र प्रदेश,अरुणाचल प्रदेश और ओडिशा) भी हो सकते हैं. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में भी कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है.

कर्नाटक के बाद अब सभी की निगाहें, इन राज्यों के चुनाव पर हैं. लेकिन कर्नाटक की हार के बाद, राजस्थान, छत्तीसगढ़ (कांग्रेस), एमपी (बीजेपी), हरियाणा (NDA) और महाराष्ट्र (NDA) को लेकर चर्चा है. हालांकि, हरियाणा और महाराष्ट्र में चुनाव 2024 में हैं. लेकिन सवाल है कि इन राज्यों की चर्चा अभी क्यों?

राजस्थान

कर्नाटक की हार के बाद सबसे अधिक चर्चा राजस्थान को लेकर है. क्योंकि बीजेपी के लिए ये मजबूत किला है. पायलट-गहलोत विवाद के बीच, बीजेपी को यहां उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है और पार्टी यहां मजबूत भी है. लेकिन बीजेपी के सामने उनकी ही नेता (वसुंधरा राजे) चुनौती बनकर खड़ी हो गयीं हैं.

वसुंधरा राजे दो बार राज्य की मुख्यमंत्री रही हैं, उनकी पूरे राजस्थान में पकड़ है. इसके अलावा, उनके पास कार्यकर्ताओं का पूरा कैडर है. 1998 से अब तक जब भी बीजेपी की राजस्थान में सरकार बनी, तो कमान राजे को ही मिली, लेकिन मौजूदा समय में परिस्थिति बिल्कुल अलग है.

Karnataka Election Result 2023: क्या बीजेपी कर्नाटक की गलतियों को अन्य चुनावी राज्यों में भी दोहराएगी?

राजे का वर्तमान बीजेपी हाईकमान के साथ संबंध कुछ खास अच्छा नहीं है.

(फोटो- Altered By Quint)

0

राजे का वर्तमान बीजेपी हाईकमान के साथ संबंध कुछ खास अच्छा नहीं है. लेकिन पिछले कुछ समय से राजे इसे ठीक करने का प्रयास कर रही है. वहीं, बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व राजे की तरफ झुकने को तैयार नहीं दिख रहा है और वो राज्य में नये नेताओं को ही आगे करने की कोशिश में है. पिछले कुछ महीने में इसके संकेत भी मिले हैं. साथ ही, जातीय समीकरण के जरिये भी बीजेपी वसुंधरा की काट निकालने में जुटी है.

हालांकि, राजे के समर्थकों को उम्मीद है कि कर्नाटक की हार के बाद बीजेपी हाईकमान वसुंधरा को इग्नोर करने की गलती नहीं करेगा. क्योंकि कुछ राजनीतिक विशलेषकों का मानना है कि कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ना बीजेपी के लिए बड़ा नुकसान साबित हुआ है.

Karnataka Election Result 2023: क्या बीजेपी कर्नाटक की गलतियों को अन्य चुनावी राज्यों में भी दोहराएगी?

जनता का अभिनंदन स्वीकार करती बीजेपी नेता वसुंधरा राजे 

(फोटो- क्विंट हिंदी)  

हरियाणा

कर्नाटक की तरह हरियाणा में भी बीजेपी की सरकार है. बीजेपी और दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी ने 2019 चुनाव के बाद गठबंधन कर सरकार बनायी थी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, हरियाणा में बीजेपी की स्थिति बहुत ठीक नहीं है. 2014 की तरह 2019 में लहर देखने को नहीं मिली और 2024 में क्या होगा ये कहना जल्दबाजी है. लेकिन पिछले चार सालों में BJP-JJP गठबंधन को लेकर सवाल उठते रहे हैं.

Karnataka Election Result 2023: क्या बीजेपी कर्नाटक की गलतियों को अन्य चुनावी राज्यों में भी दोहराएगी?

दुष्यंत चौटाला और मनोहर लाल खट्टर

(फोटो: PTI)
ADVERTISEMENTREMOVE AD

पिछले दिनों, राज्य में बीजेपी के कुछ नेताओं ने गठबंधन पर सवाल उठाए थे. हालांकि, बाद में हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने इसे नकार दिया था और कहा कि सबकुछ ठीक है. लेकिन विवाद की खबरें लगातार सामने आती रही है. सबसे बड़ा सवाल सीएम को लेकर है.

राजनीतिक जानकारों की मानें तो, बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर को जिस तरह अचानक प्रदेश की कमान दी थी, वो उसमें बहुत सफल साबित नहीं हुए हैं. बोम्मई की तरह खट्टर की भी हरियाणा में पकड़ नहीं हैं. जनता में भी खट्टर की छवि साढ़े आठ सालों में कुछ खास नहीं बन पायी है. उसके अलावा खट्टर के विवादित बयान भी पार्टी की मुश्किलें बढ़ाते रहे हैं.

Karnataka Election Result 2023: क्या बीजेपी कर्नाटक की गलतियों को अन्य चुनावी राज्यों में भी दोहराएगी?
मनोहर लाल खट्टर
(फोटोः PTI)

ऐसे में पार्टी के सामने चेहरे के अलावा गुटबाजी को शांत करने की चुनौती है. साथ ही, राज्य में 10 साल की सत्ता विरोधी लहर भी है, जिससे उसको निपटना होगा.

हरियाणा बीजेपी से जुड़े एक नेता ने नाम न छपने की शर्त पर कहा, "ये सच है कि गठबंधन को लेकर सवाल पार्टी के भीतर उठता रहा है, लेकिन फैसला शीर्ष नेतृत्व ने किया है, ऐसे में वो ही इस पर निर्णय लेगा."

राज्य में बीजेपी के सामने कांग्रेस के अलावा AAP भी है, जो पिछले कुछ वर्षों से राज्य में सक्रिय है. पार्टी को उससे भी निपटना होगा, क्योंकि धीरे-धीरे AAP अपना पैर जमाने की कोशिश कर रही है.

Karnataka Election Result 2023: क्या बीजेपी कर्नाटक की गलतियों को अन्य चुनावी राज्यों में भी दोहराएगी?

आम आदमी पार्टी, के संयोजक अरविंद केजरीवाल

(फोटो- AAP  फेसबुक पेज)

ADVERTISEMENTREMOVE AD

महाराष्ट्र

राजस्थान के बाद अगर पिछले साढ़े तीन सालों में अगर कोई राज्य पूरे देश में चर्चा में रहा है तो वो है महाराष्ट्र. चुनाव पूर्व बीजेपी-शिवसेना (अब टूट कर दो गुट बन चुका है) के बीच उपजा विवाद अंत में गठबंधन में टूट डाल गया. राज्य में पहले महाविकास अघाड़ी और फिर अब बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) की सरकार है. लेकिन यहां पर बीजेपी के लिए राह आसान नहीं हैं.

Karnataka Election Result 2023: क्या बीजेपी कर्नाटक की गलतियों को अन्य चुनावी राज्यों में भी दोहराएगी?
देवेंद्र फडणवीस के साथ उद्धव ठाकरे
(फोटोः PTI)

पार्टी में गुटबाजी तो नहीं दिख रही है पर, उद्धव गुट का अलग होना पार्टी के लिए नुकसान साबित हो सकता है. हालांकि, अब तक हुए चुनाव में इसका बहुत असर दिखा नहीं है. क्योंकि राज्य में पार्टी के पास देवेंद्र फडणवीस के रूप में साफ छवि का चेहरा है.

Karnataka Election Result 2023: क्या बीजेपी कर्नाटक की गलतियों को अन्य चुनावी राज्यों में भी दोहराएगी?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी-सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ 14 दिसंबर 2022 को नई दिल्ली में एक बैठक के बाद.


(फोटो: पीटीआई)

2: बीजेपी के लिए क्या सबक?

सबसे बड़ा सवाल यही है कि कर्नाटक में मिली हार के बाद बीजेपी राजस्थान, हरियाणा और महाराष्ट्र को लेकर क्या सबक लेगी. क्योंकि तीनों ही राज्यों में पार्टी के सामने चुनौती है. महाराष्ट्र-हरियाण में बीजेपी की सरकार है तो राजस्थान में पार्टी विपक्ष में है. ऐसे में क्या कर्नाटक का असर इन राज्यों पर पड़ेगा?

इस पर, राजनीतिक विशलेषक अभय दुबे ने क्विंट हिंदी से बात करते हुए कहा, "दक्षिण और उत्तर की राजनीति बिल्कुल अलग है. दोनों को एक तरीके से देखना सही नहीं है."

भारत में हर प्रदेश का राजनीति अलग-अलग है. हर राज्यों के अलग मुद्दे हैं. हर प्रदेश के लिए अलग-अलग रणनीति बनानी पड़ती है. वहां की परिस्थितियां अलग हैं. कर्नाटक में जो हुआ अगर उसके आईने में हर प्रदेश को देखेंगे तो गलत होगा.
अभय दुबे, राजनीतिक विश्लेषक
ADVERTISEMENTREMOVE AD

अभय दुबे ने कहा, "बीजेपी ने कर्नाटक में जो गलती कि वही हर जगह करेगी, जो खूबी कांग्रेस ने वहां दिखाई क्या वो हर जगह दिखा पायेगी? ये कहना उचित नहीं होगा. उस समय देखना होगा कि कौन सी पार्टी क्या मुद्दा लेकर चुनाव में जाएगी.

राजनीतिक विशलेषक संजय कुमार कहते हैं, "हर राज्यों में अलग मुद्दे और समीकरण होते हैं. कर्नाटक में बीजेपी बहुत मजबूत नहीं रही है. सत्ता में रहने के बावजूद पार्टी कम्फर्ट स्थिति में नहीं थी, जबकि कांग्रेस वहां मजबूत है. बीजेपी को JDS का फायदा मिलता था लेकिन इस बार जेडीएस की सीट अच्छी नहीं आई."

पहले भी बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में अच्छा न कर पाने के बावजूद लोकसभा में अच्छा प्रदर्शन किया है. हिंदी राज्यों के समीकरण अलग हैं. महाराष्ट्र में बीजेपी-शिंदे गुटे अगर मुद्दे को ठीक से डाइल्यूट कर पाये तो सफल होंगे.
संजय कुमार, राजनीतिक विशलेषक

संजय कुमार ने आगे कहा, "कर्नाटक की तरह कांग्रेस महाराष्ट्र और हरियाणा में मजबूत नहीं है. राजस्थान में गहलोत-पायलट का विवाद पार्टी के लिए नुकसानदायक हैं. पर ये सच है कि किसी भी राज्य का परिणाम वोटर्स के मन में प्रभाव डालता है."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

3: 'ओल्ड' बनाम 'यंग' गार्ड्स के बीच कैसे बनेगा सामंजस्य?

क्या बीजेपी ये गलती इन राज्यों में भी दोहराएगी. इस पर वरिष्ठ पत्रकार कुमार पंकज ने कहा, "कर्नाटक में जो हुआ, उसका बीजेपी को पहले से अंदाजा था. बीजेपी आगामी चुनाव को लेकर अलग रणनीति पर काम कर रही है."

बीजेपी नेतृत्व राज्यों में नई लीडरशिप को तैयार कर रहा है, जिसके दम आने वाले समय में पार्टी की विचारधारा को बढ़ाया जा सके. गुजरात और महाराष्ट्र में इसका परिणाम देखने को भी मिला. लेकिन अब पार्टी और फूंक-फूंक कर कदम रख रही है.
कुमार पंकज, वरिष्ठ पत्रकार

अभय दुबे ने कहा, "राहुल गांधी नई कांग्रेस बनाना चाहते थे लेकिन पुराने नेताओं के दम पर ही कर्नाटक जीते. बीजेपी ने गुजरात चुनाव नये नेताओं के दम पर जीता. लेकिन कर्नाटक पुराने नेताओं के साथ लड़ा, ऐसा कोई नियम नहीं है."

संजय कुमार ने कहा कि बीजेपी को आगामी चुनाव में नए और पुराने नेताओं को साथ लेकर चलना पड़ेगा, तभी कुछ और स्थिति ठीक हो पायेगी."

हालांकि, बीजेपी से जुड़े एक नेता ने नाम न छपने की शर्त पर क्विंट हिंदी से कहा, "कर्नाटक का असर लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव पर बहुत नहीं पड़ेगा. हां, ये सच है कि कर्नाटक में पार्टी को नुकसान हुआ है लेकिन जितनी उम्मीद थी, उतना नहीं हुआ है."

बीजेपी नेता ने कहा, "राजस्थान में राजे को लेकर अलग विवाद है, बाकी महाराष्ट्र में पार्टी काफी मजबूत है. हालांकि, हरियाणा में थोड़ी बहुत चुनौती है, जिससे जल्द ही सुलझा लिया जायेगा."

ADVERTISEMENTREMOVE AD
बीजेपी नेता ने आगे कहा, "इसमें कोई शक नहीं है कि पीएम मोदी का चेहरा आज भी सबसे बड़ा है. लेकिन बीजेपी भविष्य को देखते हुए राज्यों में नए नेताओं को आगे करना चाहती है. क्योंकि हर चुनाव प्रधानमंत्री के चेहरे पर नहीं लड़ा जा सकता है."

अब बीजेपी, आने वाले चुनाव में क्या रणनीति अपनाएगी ये देखना दिलचस्प होगा. लेकिन कर्नाटक के नतीजे ने पार्टी के लिए चुनौती खड़ी कर दी है, जिसको लेकर आने वाले दिनों में चिंतन और मंथन दोनों होगा. इससे बीजेपी क्या सीख लेगी, ये भी देखना अहम होगा.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×