'हुर्रियत कांफ्रेंस के सह-संस्थापक सैयद अली शाह गीलानी (Syed Ali Shah Geelani) का निधन हो गया है. कश्मीर के अलगाववादी नेता गीलानी 92 साल के थे. जमात-ए-इस्लामी के साथ काम करने के बाद 2004 में वो अलग हो गए और अपनी पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस बनाई. उन्होंने कई सालों तक पार्टी के अध्यक्ष पद पर काम किया. पिछले साल अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए पार्टी छोड़ने का एलान किया.
गिलानी पूर्व जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) राज्य की सोपोर विधानसभा क्षेत्र से तीन बार (1972, 1977 और 1987) विधायक रहे.
गिलानी की मौत की खबर आने के बाद जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि 'बहुत से मुद्दों पर हमारे बीच मतभेद थे लेकिन मैं उनकी बहुत इज्जत करती हूं, खुदा उन्हें जन्नत नसीब करे और उनके घर वालों को सब्र दे.'
बीजेपी प्रवक्ता अजय सेरावत ने ट्वीट करते हुए कटाक्ष किया और लिखा कि 'मुझे आश्चर्य नहीं होगा जब एनसीईआरटी उनका नाम सिलेबस में शामिल करके ग्लोरिफाई करेगी.'
लेखक सबा नकवी ने उनकी मौत का जिक्र करते हुए लिखा कि उनके साथ एक लम्बे दौर की समाप्ति हो गई.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गीलानी की मौत पर ट्वीट कर दुःख जताया. उन्होंने लिखा कि 'गीलानी साहब की मौत की खबर सुनकर बहुत दुःख हुआ. वह एक कश्मीरी स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने पूरी जिंदगी लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाइयां लड़ी.'
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने ट्वीट में लिखा कि गीलानी साहब कश्मीर की आजादी की लड़ाई के टॉर्च बियरर थे और उन्होंने आखिर तक कश्मीरियों के हक के लिए लड़ाई लड़ी.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद अभिषेक सिंघवी ने लिखा
कुरैशी साहब... इसी के साथ आपने वास्तव में जिहाद के नाम पर निर्दोष कश्मीरियों को कट्टरपंथी बनाने के लिए, भारत में काम करने वाली अपनी खुफिया एजेंसी का एक प्रतिनिधि खो दिया. निर्दोष कश्मीरियों की हत्या के लिए आपका देश और आपके सभी प्रतिनिधि इतिहास में दर्ज किए जाएंगे.
पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने एक पाकिस्तानी पत्रकार के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि कश्मीर की आजादी की लड़ाई ने हमारे कई बुजुर्गों को खत्म कर दिया, हम उनकी ताकत और विरासत को आगे बढ़ाएंगे. खुदा गीलानी साहब को जन्नत नसीब करे, आमीन.
इसके अलावा पाकिस्तान सरकार के कई मंत्रियों ने सैयद अली गीलानी को खिराज-ए-अकीदत पेश करते हुए ट्वीट किया.
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