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केरलः इंटेलिजेंस से मिली थी रिपोर्ट, BJP करा सकती है हिंसा- CM

जेटली ने कहा था- एलडीएफ जब भी सत्ता में आती है, हिंसा की घटनाएं बढ़ जाती हैं

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केरल में आरएसएस स्वयंसेवक की हत्या के बाद बीजेपी के हमलावर रुख के बीच सीएम विजयन पिनरई ने भी पलटवार किया है. सोमवार को केरल विधानसभा में सीएम पिनराई ने कहा कि सरकार को खुफिया विभाग से रिपोर्ट मिली थी कि बीजेपी राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसा फैला सकती है. सीएम ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ऐसा मेडिकल कॉलेज स्कैम से जनता का ध्यान हटाने के लिए कर सकती है.

विजयन ने कहा, 'सरकार को खुफिया विभाग से रिपोर्ट मिली थी कि बीजेपी राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसा करवा सकती है, जिससे वह मेडिकल कॉलेज स्कैम से ध्यान हटा सके.' पिनराई ने कहा कि सरकार कानून व्यवस्था से संबंधित मुद्दे से निपटने को तैयार है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर जरूरत हुई तो राज्य सरकार संघ कार्यकर्ता की हत्या के केस को सीबीआई को सौंपने को भी तैयार है.

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जेटली ने कहा- राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की 'क्रूर और बर्बर' तरीके से हत्या की जा रही है

इससे पहले केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने केरल में सत्ताधारी सीपीआईएम पर आरोप लगाया कि वह प्रतिद्वंद्वी पार्टी के कार्यकर्ताओं को ''खत्म'' करने के लिए अपने कार्यकर्ताओं का ''इस्तेमाल'' कर रही है और हिंसा का माहौल बना रही है.

बीती 29 जुलाई को कथित तौर पर सीपीआईएम कार्यकर्ताओं की ओर से आरएसएस कार्यकर्ता राजेश की हत्या के बाद रविवार को जेटली उसके परिजनों से मिलने पहुंचे थे. जेटली ने एलडीएफ सरकार पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि वह जब भी सत्ता में आती है, हिंसा की घटनाएं बढ़ जाती हैं.

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ''एलडीएफ जब भी सत्ता में आती है, हिंसा की घटनाएं बढ़ जाती हैं. राजेश को जैसे जख्म दिए गए, उससे तो आतंकवादी भी शर्मिंदा हो जाते.'' इससे पहले, राजेश की याद में आयोजित एक शोक सभा को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता ''अपने राजनीतिक विरोधियों को खत्म कर रहे हैं और हिंसा का माहौल बना रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि सीपीआईएम को आत्म-मंथन करने की जरुरत है.

बता दें कि केरल में राजनीतिक हिंसा का दौर देखा जा रहा है. राज्य में सीपीआईएम कार्यकर्ताओं की हत्या या उन पर हमले के कुछ मामलों में बीजेपी-आरएसएस के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगते रहे हैं जबकि आरएसएस-बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या या उन पर हमले के मामलों में सीपीआईएम कार्यकर्ताओं पर आरोप लगते रहे हैं.

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