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चंडीगढ़ से किरण खेर का कटा टिकट, जानिए BJP के नए प्रत्याशी संजय टंडन कौन हैं?

Chandigarh Lok Sabha Election: संजय टंडन पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.

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भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के लिए केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ (Chandigarh) में अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है. चंडीगढ़ से दो बार की सांसद किरण खेर (Kirron Kher) का टिकट कट गया है. पार्टी ने उनकी जगह संजय टंडन (Sanjay Tandon) पर भरोसा जताया है. संजय टंडन पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.

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क्यों कटा किरण खेर का टिकट?

किरण खेर का टिकट कट सकता है, इसके संकेत पहले से ही मिल रहे थे. फरवरी महीने में चंडीगढ़ में आयोजित रोज फेस्टिवल के दौरान उन्होंने भी चुनाव नहीं लड़ने का संकेत दिया था. किरण खेर ने तब कहा था, "इसके बाद कभी आऊंगी दोस्त की तरह शायद." जिसके बाद उनके इन शब्दों के सियासी मायने निकाले जा रहे थे.

हालांकि, ऐसे कई और भी कारण हैं जिनकी वजह से उनका टिकट कटा है:

  1. बाहरी का मुद्दा: चंडीगढ़ में इस बार स्थानीय नेता को टिकट देने की मांग उठ रही थी. विपक्ष भी लगातार सांसद किरण खेर पर हमलावर था और आरोप लगा रहा था कि वह शहर में कम रहती हैं.

  2. एंटी इनकंबेंसी: किरण खेर इस सीट से लगातार दो बार से सांसद हैं. उन्होंने 2014 के चुनाव कांग्रेस के पवन बंसल को हराया था. 2019 में AAP प्रत्याशी गुल पनाग को मात दी थी. इतने समय से सांसद होने की वजह से उनके खिलाफ एंटी इनकंबेंसी फैक्टर हावी मानी जा रही थी. दिलचस्प है कि स्थानीय समिति ने किरण खेर का नाम भी नहीं भेजा था.

संजय टंडन के नाम के ऐलान के बाद किरण खेर ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी है.

कौन हैं संजय टंडन?

चंडीगढ़ बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन पर बीजेपी ने इस बार भरोसा जताया है. 60 वर्षीय टंडन पंजाब के बीजेपी नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल बलरामजी दास टंडन के बेटे हैं. वो 2010 से 2019 तक सबसे लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ के अध्यक्ष रहे हैं. मौजूदा समय में वो हिमाचल प्रदेश के सह-प्रभारी हैं. 

साल 1963 में अमृतसर में जन्मे संजय टंडन पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं. वो साल 1986 में चार्टर्ड अकाउंटेंट बने और एस टंडन एंड असोसिएट्स के नाम से प्रैक्टिस शुरू की. 1988 में उन्होंने कॉस्ट अकाउंटेंट की पढ़ाई पूरी की.

संजय टंडन मौजूदा समय में यूटी चंडीगढ़ पर गृह मंत्री की सलाहकार समिति के सदस्य हैं. इसके साथ ही वो चंडीगढ़ क्रिकेट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भी हैं.

दरअसल, टिकट की रेस में टंडन के अलावा पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद और कई अन्य लोगों का नाम चल रहा था लेकिन आखिरकार उनके नाम पर मुहर लगी. टंडन लंबे समय से टिकट के लिए प्रयास कर रहे थे. हालांकि, आंतरिक गुटबाजी के कारण, बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2014 में चंडीगढ़ में अभिनेता से नेता बनीं किरण खेर को मैदान में उतारा था. उन्हें तब पैराशूट उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा था.

Chandigarh Lok Sabha Election: संजय टंडन पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के साथ संजय टंडन

(फोटो: sanjaytandon.in)

राजनीति के साथ-साथ टंडन सोशल वर्क से भी जुड़े हैं. वो अपनी गैर सरकारी संस्था सक्षम फाउंडेशन और बलरामजी दास टंडन चैरिटेबल फाउंडेशन के जरिए सामाजिक सेवा करते हैं.

उन्होंने अपनी पत्नी प्रिया एस. टंडन के साथ सात पुस्तकों का सह-लेखन किया है. उनमें सनरेज सीरीज की पुस्तकें भी शामिल हैं जिसमें श्री सत्य साईं बाबा की शिक्षाओं पर आधारित प्रेरणादायक लघु कथाएं शामिल हैं. किताबें हिंदी और तेलुगू में भी प्रकाशित हो चुकी हैं.

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