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लखीमपुर हिंसा पर किसानों की तैयारी- रेल रोको, कलश यात्रा और महापंचायत का ऐलान

संयुक्त किसान मोर्चा ने मांगे पूरी नहीं होने पर अब आंदोलन की चेतावनी दी है

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लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) की घटना को लेकर यूपी सरकार लगातार सवालों के घेरे में है. मंत्री के बेटे की अब तक गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं. वहीं अब संयुक्त किसान मोर्चा ने भी इस मामले को लेकर आंदोलन छेड़ने की तैयारी कर ली है.

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने सरकार को तय समय सीमा के अंदर मांगे पूरी न होने पर देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दे डाली है.

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किसानों की रेल रोकने की तैयारी

इस पूरे मामले को लेकर योगी सरकार के रुख के बाद किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा-

"12 अक्टूबर को देशभर के किसान लखीमपुर खीरी पहुचेंगे क्योंकि लखमीपुर में जो हुआ वो जलियांवाला बाग कांड से कम नहीं था. इसके साथ ही हम तमाम सामाजिक संगठनों से यह मांग करते है की वह अपने अपने शहरों में 12 अक्टूबर को रात आठ बजे एक कैंडल मार्च का आयोजन करें"
योगेंद्र यादव

इसके साथ ही किसानों द्वारा 18 अक्टूबर को छह घंटे तक रेल रोको (Rail Roko) आंदोलन और 15 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का पुतला दहन की योजना भी बनाई जा रही है.

किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया के 26 अक्टूबर को किसानो द्वारा लखनऊ में एक महापंचायत का आयोजन किया जायेगा और जब तक गृह राज्य मंत्री इस्तीफा नहीं देते तब तक देश भर में आंदोलन जारी रहेगा पूरे देश में कलश यात्राएं निकाली जाएंगी.

बता दें कि किसान संगठनों और प्रशासन के बीच समझौता इसी शर्त पर हुआ था कि प्रशासन दस दिन के अंदर किसानों की सभी मांगो को पूरा करेगा. जिसमें मुख्य मांग केंद्रीय राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की गिरफ्तारी की थी. 12 अक्टूबर को यह समय सीमा खत्म होने जा रही है और आशीष मिश्रा की पुलिस के सामने पेशी तो हुई है लेकिन खबर लिखे जाने तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है.

यूपी सरकार के रवैये से सुप्रीम कोर्ट भी नाराज

लखीमपुरी खीरी मामले में अब तक प्रशासन द्वारा जो कदम उठाए गए हैं, उनसे न तो सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट है न ही किसान नेता. जो राकेश टिकैत देशव्यापी आंदोलन की हुंकार भर रहे हैं, लखीमपुर खीरी की घटना के बाद पुलिस प्रशासन और किसान संगठनों के बीच राकेश टिकैत द्वारा ही समझौता कराकर किसानों का धरना खत्म करवाया गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले में दर्ज याचिका की सुनवाई करते हुए टिप्पणी की थी कि, हम उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गई अब तक की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हैं.

कोर्ट द्वारा सरकार से पूछा गया था कि "अब तक अभियुक्तों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई क्या आप बाकी आपराधियों को भी नोटिस भेजकर कार्यवाही करते हैं".

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन केंद्रीय मंत्री के बेटे को दूसरा नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया गया. अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है.

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