बिहार (Bihar) के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) अब फिर से पुराने अंदाज में नजर आ रहे हैं. क्विंट से खास बातचीत में लालू यादव ने दावा किया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदाई होगी. लालू ने कहा कि देश की जनता महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त है. लेकिन प्रधानमंत्री कौन होगा, इसके जवाब में लालू ने कहा कि बैठकर तय किया जाएगा.
राहुल गांधी पर क्या बोले लालू यादव?
लालू यादव ने राहुल गांधी के 'पीएम मटेरियल' होने के सवाल पर लालू ने कहा कि किसी एक आदमी के कहने से नहीं होगा, मैंने कहा है कि समान विचारधारा (like minded) वाली सभी पार्टियों को बुलाकर यूपीए में नेताओं को बुलाकर हम तय करें कि क्या करना है. राहुल प्रधानमंत्री का चेहरा हैं या नहीं, इस सवाल पर लालू ने कहा कि ये तो कांग्रेस बताएगी, हम कैसे बोल दें?
त्रिपुरा में हुई हिंसा को लेकर लालू ने कहा कि ये तो बदमाशी है. ये समाज में सांप्रदायिकता फैला रहे हैं. इनको (बीजेपी) को चस्का लग गया है कि ध्रुवीकरण करने से इनको चुनाव में फायदा मिलता रहेगा, सत्ता मिलती रहेगी. मॉस्को (रूस) में श्रीकृष्ण भगवान के मंदिर को वहां के लोगों ने तोड़ा था तो मैंने संसद में बोला था. विश्व हिन्दू परिषद के लोग वहां जाकर क्यों नहीं रोकते, यहां अपने घर में शेर बने हुए हो! गरीब मुसलमानों को तबाह कर रहे हैं.
'उद्योगपतियों के कहने पर चीजें नीलाम कर रही सरकार'
लालू यादव ने कहा कि सरकार सब कुछ निजी हाथों में दे रही है, जो वो लोग (उद्योगपति) कहते हैं, सरकार नीलाम कर देती है. ट्रेन को निजी क्षेत्र में दे दिया. ट्रेन में चादर-गमछी तक नहीं मिल रही है. इसलिए अब आप खाना, कंबल, चादर घर से लेकर जाइए तब सफर करिए. सरकार ने सब खत्म कर दिया है.
लालू ने नीतीश पर भी चुटकी ली और उन्हें 'कलही नारी' बता दिया. दरअसल लालू ने नीतीश को विसर्जित करने की बात कही थी जिसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा था कि लालू यादव चाहें तो उन्हें गोली मरवा सकते हैं. अब लालू ने सफाई दी कि उन्होंने कहा था कि तेजस्वी ने सबका कचूमर निकाल दिया है, मैं आकर विसर्जित करूंगा. मैंने इसीलिए 27 को रैली रखी थी ताकि पहले सब लोग बोलकर आ जाएं, फिर मैं बोलूंगा.
मेरा नाम सुनकर ही चार्ज हो जाते हैं लोग- लालू
लालू ने साढ़े 3 साल बाद पटना लौटने पर खुशी जाहिर की और कहा कि अब लग रहा है जैसे घर पर हों. मेरे साथ लोगों ने नाइंसाफी की, परेशान किया. मैंने लोकसभा और विधानसभा का चुनाव मिस किया. इस उपचुनाव में मुझे मौका मिला तो मैं आया. इस बार जनता इनको औकात बता देगी. 6 साल बाद चुनावी रैली करने के बाद लालू ने कहा कि उन्हें ऐसा लगा जैसे वो अपने परिवार, अपनी फौज के बीच आ गए हैं. लोग मेरा नाम सुनकर ही चार्ज हो जाते हैं, लोग मुझे सुनना और देखना चाहते हैं.
लालू यादव खाने-पीने के शौकीन हैं, जब उनसे पूछा गया कि क्या जेल में घर का खाना मिस किया तो लालू ने मजाकिया लहजे में बोला कि वो 'पीते' नहीं है और खाने में कोई दिक्कत नहीं है.
कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास को 'भकचोंहर' (absent minded) कहने और उस पर मचे बवाल पर लालू ने कहा कि भकचोंहर कोई गाली नहीं है. कांग्रेस पार्टी को हमसे काम है, हमको भी कांग्रेस पार्टी से काम है.
लालू ने की तेजस्वी यादव की तारीफ
लालू ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे तेजस्वी यादव से जितनी उम्मीद की थी, वो सिर्फ उस पर खरे ही नहीं उतरे बल्कि उससे आगे बढ़कर काम कर रहे हैं और वो (लालू) इससे बहुत संतुष्ट हैं. लालू ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में बेईमानी करके तेजस्वी यादव की सरकार नहीं बनने दी. सभी शिक्षकों ने हमें वोट दिया था लेकिन इन्होंने पोस्टल बैलेट के वोट गिने ही नहीं.
उपचुनाव की दोनों सीटें जीतकर सरकार बनाने के तेजस्वी यादव के दावे से उलट लालू ने कहा कि सरकार बनने का मतलब ये है कि अगर अभी ये लोग हारेंगे तो लोगों को पता चल जाएगा कि ये लोग कहां हैं, इसलिए आगे भी हारेंगे.
बिहार में दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए आरजेडी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने करीब 6 साल बाद कोई चुनावी रैली की है. चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू आधी सजा काटने के बाद साढ़े 3 साल बाद पटना पहुंचे हैं और पहले की तरह एक बार फिर से जनता दरबार शुरू किया है. अब राबड़ी आवास में हर रोज सुबह-शाम दूर-दूर से लोग लालू से मिलने और उन्हें देखने आ रहे हैं. हालांकि लालू यादव की तबीयत अभी भी खराब है.
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