बिजनौर हिंसा मामले को लेकर लेफ्ट पार्टियों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
उनका आरोप है कि इस हिंसा के पीछे बीजेपी के नेताओं और संघ के कार्यकर्ताओं का हाथ था. शुक्रवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कार्यालय में हुई वाम दलों की बैठक में कहा गया कि 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी और संघ ने प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव और हिंसा बढ़ाने का प्रयास तेज कर दिया है.
बैठक के बाद लेफ्ट पार्टियों ने हिंसा के दौरान नामजद अभियुक्तों को फौरन गिरफ्तार करने की मांग भी की.
लेफ्ट पार्टियों ने बिजनौर हिंसा पर एक जांच रिपोर्ट भी पेश की, जिसमें कहा गया कि हिंसा के पीछे बीजेपी के नेताओं और माफियाओं का हाथ था. लड़की से छेड़खानी का विरोध करने वालों पर बीजेपी नेताओं ने गोलियां चलाईं. इस पूरे मामले की पहले से प्लानिंग की जा चुकी थी.
लेफ्ट पार्टियों की इस बैठक में यह दावा भी किया गया कि 9 नवंबर को लखनऊ में रैली कर वे बीजेपी को एक्सपोज करेंगे.
हिंदू-मुस्लिम के नाम पर हमें बांटना चाहता है संघ: राहुल
इन दिनों यूपी में किसान यात्रा निकाल रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इससे मिलता-जुलता बयान दिया. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि RSS हिंदू और मुस्लिम के नाम पर लोगों को बांटना चाहता है. राहुल ने कहा,
मोदी चुनाव आते ही विकास की बात करने लगते हैं. उनकी सरकार को दो साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन मोदी जी ने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे किसानों को कोई फायदा हो. लेकिन वे इन मुद्दों से बचने के लिए बार-बार हिंदू-मुस्लिम का एंगल निकाल रहे हैं.
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