कांग्रेस (Congress) सोशल मीडिया डिपार्टमेंट के चेयरमैन रोहन गुप्ता (Rohan Gupta) ने फेसबुक (Facebook) के सीईओ मार्क जकरबर्ग (Mark Zuckerberg) को चिट्ठी लिखी है और फेसबुक पर प्रसारित किए जाने वाले भड़काऊ कंटेंट पर नाराजगी जाहिर की है.
उन्होंने जकरबर्ग को लिखी चिट्ठी में कहा कि, मैं आपको स्पष्ट रूप से ध्यान दिलाना चाहता हूं, कि आपकी कंपनी हमारे देश में सत्तारूढ़ सरकार के प्रति झुकाव रखती है और पार्टी के द्वारा नफरत फैलाने वाले भाषण, गलत सूचना, फेक खबरें और भड़काऊ सामग्री प्लेटफॉर्म पर दिखाई जाती है.
पिछले दो वर्षों में बहुत सारे सुबूत जारी किए गए हैं, जो इस तरह अभद्र भाषा को नियंत्रित करने में आपकी कंपनी की लापरवाही की ओर इशारा करते हैं. आपके कर्मचारियों ने बताया है कि प्लेटफॉर्म द्वारा उपयोग की जाने वाली AI (आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस) स्थानीय भाषा की पहचान करने के लिए पर्याप्त नहीं है. इसके अलावा आपकी टीम यहां समस्या उत्पन्न करने वाली सामग्री के लिए बुनियादी कीवर्ड्स डिटेक्शन सेट करने में भी विफल रही है.रोहन गुप्ता, कांग्रेस सोशल मीडिया अध्यक्ष
उन्होंने आगे लिखा कि, यह भी पता चला है कि हेट रिव्यू के लिए आपके लगात में कमी के कारण पिछले दो वर्षों में इस तरह की सामग्रियों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.
‘भारत जैसे बड़े बाजार में ये दुर्भाग्यपूर्ण’
रोहन गुप्ता ने फेसबुक को याद दिलाया कि 370 मिलियन से अधिक यूजर्स के साथ भारत आपकी कंपनी के लिए सबसे बड़े बाजारों में से एक है. इस प्रकार यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आपकी कंपनी यूजर्स के जीवन और सुरक्षा को नजरअंदाज करते हुए अपने व्यावसायिक हितों के बारे में सोचती है.
उन्होंने आगे लिखा कि मैं आपसे Facebook India के कामकाज की इंटर्नल जांच करने और जनता के सामने रिजल्ट जारी करने का अनुरोध करता हूं. इस ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख के रूप में यह आपकी जिम्मेदारी है कि हमारे लोगों के साथ विश्वासघात करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाए.
उन्होंने फेसबुक सीईओ को संबोधित करते हुए लिखा कि मुझे आपकी ओर से त्वरित कार्रवाही और जवाब का इंतजार रहेगा.
बता दें कि पिछले दिनों फेसबुक को लेकर लगातार खुलासे होते आए हैं और कंपनी पर आरोप लगते रहे हैं कि फेसबुक नफरती कंटेंट और इस तरह की फर्जी खबरों पर एक्शन नहीं लेता है. हाल ही में पता चला है कि फेसबुक ने ऐसे ही हेट कंटेंट की तीन रिपोर्ट्स पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद फेसबुक की जमकर आलोचना हो रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक, हेट स्पीच और इस तरह की समस्या उत्पन्न करने वाली दो रिपोर्ट्स, लोकसभा चुनावों से पहले जनवरी-फरवरी 2019 में पेश की गई थीं. वहीं, तीसरी रिपोर्ट अगस्त 2020 में पेश की गई थी, जिसमें ये स्वीकार किया गया था कि प्लेटफॉर्म के AI (आर्टिफिशियव इंटेलीजेंस) उपकरण स्थानीय भाषाओं की पहचान करने में असमर्थ हैं.
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