Lok Sabha Election 2024 7th Phase Voting: लोकसभा चुनाव 2024 के 7वें चरण की वोटिंग शनिवार, 1 जून को होगी. इस चरण में देश के 8 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेश की 57 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा. इस बार कुल 904 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं जिसमें राजनेताओं के साथ-साथ फिल्मी सितारों के भी भाग्य का फैसला होगा. 7वें चरण में प्रधानमंत्री मोदी, कंगना रनौत, पवन सिंह, रवि किशन सहित कई VIP चुनावी मैदान में हैं.
चलिए इस चरण की वीआईपी सीटों पर नजर डालते हैं और राज्यों के चुनावी रण का गणित बताते हैं.
किन राज्यों की किन सीटों पर मतदान होगा?
उत्तर प्रदेश (13 सीट): वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, बलिया, गाजीपुर, घोसी, राबर्ट्सगंज, सलेमपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, महाराजगंज और बांसगांव
पंजाब (13 सीट): गुरदासपुर, अमृतसर, खडूर साहिब, जालंधर, होशियारपुर, आनंदपुर साहिब, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब, फरीदकोट, फिरोजपुर, बठिंडा, संगरूर और पटियाला3
पश्चिम बंगाल (9 सीट): दमदम, बारासात, बशीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, जादवपुर, कोलकाता दक्षिण और कोलकाता उत्तर
बिहार (8 सीट): नालंदा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकाट और जहानाबाद
ओडिशा (6 सीट): बालासोर, भद्रक, जाजपुर, जगतसिंहपुर, केंद्रपाडड़ा और मयूरभंज
हिमाचल प्रदेश (4 सीट): मंडी, हमीरपुर, शिमला और कांगड़ा
झारखंड (3 सीट): दुमका, गोड्डा और राजमहल
चंडीगढ़ (1 सीट): चंडीगढ़
इन 57 सीटों पर 2019 में क्या हुआ था?
सातवें चरण में जिन 57 सीटों पर मतदान होने वाला है, उनमें से बीजेपी ने 2019 में सिर्फ 25 सीटों पर ही जीत दर्ज की थी जो 50 प्रतिशत से भी कम है. यह 2019 में सात चरणों में बीजेपी के सबसे खराब चरणों में से एक था.
सबसे ज्यादा बीजेपी के उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले
ADR और नेशनल इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 904 उम्मीदवारों में से199 या 22% उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. 151 या 17% ऐसे उम्मीदवार हैं जिन पर गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं.
बीजेपी के 51 में से 23 (45%) उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि कांग्रेस के 31 में से 12 (39%) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. टीएमसी के 9 में से 7, SP के 9 में से 7, CPI(M) के 8 में से 5, SAD के 13 में से 8, AAP के 13 में से 5, BJD के 6 में से 2, CPI के 7 में से 2 और BSP के 56 में से 13 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
एडीआर की रिपोर्ट से पता चलता है कि 7वें चरण में 299 (33%) उम्मीदवार करोड़पति हैं. BJP के 51 में से 44, कांग्रेस के 31 में 30 और BSP के 56 में से 22 उम्मीदवार करोड़पति हैं. वहीं आम आदमी पार्टी, SP, SAD और BJD के सभी प्रत्याशी करोड़पति हैं. TMC के 9 में से 8 और CPI(M) के 8 में से 4 उम्मीदवार करोड़पति हैं.
VIP सीटें और दिग्गजों पर एक नजर
वाराणसी (उत्तर प्रदेश): यह सीट देश की VVIP सीट है. इस सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं. वाराणसी लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. इस सीट पर साल 1991 के बाद से लगातार बीजेपी जीतती आ रही है. हालांकि, 2004 में केवल एक बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. पीएम मोदी के सामने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय इंडिया गठबंधन की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं. अजय राय इस सीट से साल 2009, 2014 और 2019 में भी चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन तीनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश): गोरखपुर BJP की परंपरागत सीट मानी जाती है. बीजेपी ने यहां से अपने मौजूदा सांसद रवि किशन को एक बार फिर से चुनावी मैदान में उतारा है. 2018 उपचुनाव छोड़कर, 1989 से इस सीट पर BJP का कब्जा रहा है. समाजवादी पार्टी ने अभिनेत्री काजल निषाद को उतारा है.
काराकाट (बिहार): इस सीट पर सबकी निगाहें टिकी हैं. भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह के आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. यहां NDA की ओर राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा चुनावी मैदान में हैं. वहीं INDIA गठबंधन की ओर से CPI (ML)L के राजा राम सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. 2019 में JDU के महाबली सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा को हराया था. इससे पहले 2014 में उपेन्द्र कुशवाहा ने जीत दर्ज की थी.
पटना साहिब (बिहार): 2009 में परिसीमन के बाद ये सीट अस्तित्व में आई. तब से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है. बीजेपी ने मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद पर फिर से दांव लगाया है, जबकि कांग्रेस की तरफ से मुकाबले में लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार के बेटे अंशुल अभिजीत हैं.
मंडी (हिमाचल प्रदेश): बीजेपी ने इस सीट से बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को चुनावी मैदान में उतारा है. उनका मुकाबला कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह है, जो राज्य में लोक निर्माण मंत्री भी हैं. साल 2014 और 2019 के आम चुनावों में हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर बीजेपी जीती थी. लेकिन 2021 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस की प्रतिभा सिंह ने इसपर कब्जा जमा लिया, लेकिन इस बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. जिसके बाद उनके बेटे मैदान में हैं. कंगना रनौत के यहां से चुनाव लड़ने से
खडूर साहिब (पंजाब): इस बार ये सीट इसलिए चर्चा में है क्योंकि असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह यहां से चुनाव लड़ रहे हैं.
उन्हें सिमरनजीत सिंह मान की पार्टी शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) का समर्थन भी हासिल है. कांग्रेस ने मौजूदा सांसद जसबीर सिंह गिल का टिकट काटकर कुलबीर जीरा को टिकट दिया है. जबकि आम आदमी पार्टी ने मंत्री लालजीत भुल्लर पर दांव लगाया है. बीजेपी ने मंजीत सिंह मन्ना और अकाली दल ने विरसा संह वल्टोहा को उतारा है. बता दें कि पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट सिखों के लिए खास अहमियत रखती है. खडूर साहिब का सिख धर्म के दस गुरुओं में से आठ से संबंध रहा है.
फरीदकोट (पंजाब): इस सीट से कांग्रेस ने मौजूदा सांसद मुहम्मद सादिक का टिकट काट दिया है. उनकी जगह पार्टी ने अमरजीत कौर को मैदान में उतारा है. जबकि आम आदमी पार्टी ने करमजीत अनमोल और अकाली दल ने राजविंदर सिंह रंधावा को उतारा है. बीजेपी ने हंस राज हंस को मैदान में उतारा है.
डायमंड हार्बर (पश्चिम बंगाल): यह प्रदेश की सबसे हॉट सीट मानी जा रही है. इस लोकसभा क्षेत्र को कभी CPI(M) का किला कहा जाता था. लेकिन पिछले 15 सालों से यहां TMC का कब्जा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी जीत की हैट्रिक लगाने के लिए चुनावी मैदान में हैं. उधर, बीजेपी ने अभिजीत दास बॉबी को अपना उम्मीदवार बनाया है. CPI(M) ने प्रतिकुर रहमान को चुनावी मैदान में उतारा है.
जादवपुर (पश्चिम बंगाल): 'इंटेलेक्चुअल्स' के रूप में मशहूर इस सीट पर इस बार एक तरफ तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर अभिनेत्री शायनी घोष हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी ने लेखक और बुद्धिजीवी अनिर्बान गांगुली को मैदान में उतारा है. जादवपुर वो सीट है जहां से कभी ममता बनर्जी ने सोमनाथ चटर्जी को हराया था. टीएमसी लगातार 3 बार से जादवपुर में टिकी हुई है.
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