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प. बंगाल: कहीं देसी बम मिले, कहीं BJP-TMC में झड़प...फिर भी हुआ सबसे ज्यादा मतदान

Lok Sabha Election 2024: 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार पश्चिम बंगाल की 7 सीटों पर वोट अधिक पड़े या कम?

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Lok Sabha Elections 2024:  लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवें चरण के लिए सोमवार, 20 मई को वोट डाले गए. चुनाव आयोग के वोटर टर्नआउट ऐप के अनुसार, इस चरण में अनुमानित 57.42 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई. बता दें, पांचवें चरण में 6 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीटों पर जनता ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. हिंसा की खबरों के बावजूद पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक वोट डाले गए. यहां वोटिंग परसेंट 73% रहा. वहीं सबसे कम वोटिंग महाराष्ट्र में हुई. यहां वोटिंग परसेंट का आंकड़ा लगभग 54% रहा.

चलिए आपको यहां बताते हैं पश्चिम बंगाल में मतदान के बीच कहां-कहां से हिंसा की खबरें आई? यहां पांचवें चरण में 7 सीटों पर कितनी वोटिंग हुई? 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार इन सीटों पर वोट अधिक पड़े या कम?

साथ ही हम आपको पश्चिम बंगाल में पांचवें चरण की हॉट सीट से भी रू-बरू कराएंगे.

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आमने-सामने आए टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ता, देसी बम भी बरामद

लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में पश्चिम बंगाल के सात संसदीय क्षेत्रों में हिंसा की छिटपुट घटनाओं की खबरें आती रहीं.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बैरकपुर, बोनगांव और आरामबाग सीटों के विभिन्न हिस्सों में टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें हुईं.

आरामबाग विधानसभा क्षेत्र के खानाकुल इलाके में पोलिंग एजेंटों को लेकर टीएमसी और बीजेपी समर्थकों के बीच झड़प हो गई. रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षाकर्मियों ने इलाके से दो जिंदा देसी बम भी बरामद किए.

आरामबाग से टीएमसी उम्मीदवार मिताली बाग ने कहा, "बीजेपी के गुंडों ने इलाके में आतंक फैला रखा है और मतदाताओं को डरा रहे हैं." हालांकि, बीजेपी उम्मीदवार अरूप कांति दीगर ने आरोपों को खारिज कर दिया और मतदान के दिन हिंसा फैलाने के लिए टीएमसी को दोषी ठहराया.

इसके अलावा हावड़ा लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से भी हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आईं. हावड़ा के लिलुआ क्षेत्र में, बीजेपी ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर एक बूथ पर मतदान रुकवाने का आरोप लगाया, जिससे दोनों समूहों के बीच झड़प हुई. केंद्रीय पुलिस बल के जवान इलाके में पहुंचे और भीड़ को तितर-बितर किया.

बोनगांव लोकसभा के गायेशपुर इलाके में, स्थानीय बीजेपी नेता सुबीर विश्वास को एक बूथ के बाहर टीएमसी के गुंडों ने कथित तौर पर पीटा था. बाद में उन्हें अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया.

पश्चिम बंगाल: आरामबाग में सबसे अधिक वोटिंग, बैरकपुर में सबसे कम

अगर पश्चिम बंगाल में पांचवें चरण की 7 सीटों पर हुई वोटिंग की बात करें तो यहां सबसे अधिक वोट आरामबाग में डाले गए. यहां वोटर टर्नआउट लगभग 77% रहा. ध्यान रहे यह आंकड़ा अभी फाइनल नहीं है और यह बढ़ सकता है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी इन 7 सीटों में से सबसे अधिक वोटिंग आरामबाग में ही हुई थी.

मौजूदा लोकसभा चुनावों के पांचवें चरण में अबतक के आंकड़ों में इन 7 सीटों में सबसे कम वोटिंग बैरकपुर में देखने को मिली. 2019 के मुकाबले वोटिंग परसेंट में आए बदलाव के लिए नीचे दिए बॉक्स को देखें.

Lok Sabha Election 2024: 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार पश्चिम बंगाल की 7 सीटों पर वोट अधिक पड़े या कम?

पश्चिम बंगाल की इन 7 सीटों पर 2019 और 2024 में वोटिंग परसेंट

 हुगली सीट पर सबकी नजर

पश्चिम बंगाल के अंदर पांचवें चरण में सबसे हॉट सीट हुगली मानी जा रही है. वजह है कि यहां का मुकाबला दो अभिनेत्रियों के बीच का है. बीजेपी ने मौजूदा सांसद अभिनेत्री लाकेट चटर्जी को दोबारा मैदान में उतारा है जबकि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने भी यहां एक अभिनेत्री रचना बनर्जी को ही टिकट दिया है. खास बात है कि इन दोनों ने फिल्मों में साथ-साथ काम किया है. 

हुगली लोकसभा क्षेत्र टीएमसी के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि 2006 में ममता बनर्जी का उदय यहीं से शुरू हुआ था.

एक और हाई-प्रोफाइल सीट बैरकपुर है जहां टीएमसी उम्मीदवार ममता सरकार में मंत्री हैं. उनका मुकाबला बीजेपी के उम्मीदवार अर्जुन सिंह से है जो मौजूदा सांसद हैं. अर्जुन सिंह तीन बार विधायक रहे हैं और पाला बदल चुके हैं.

पांचवें चरण में कुल 88 उम्मीदवार मैदान में थे जिनमें सबसे ज्यादा 15 दावेदार बनगांव से थे. बनगांव में मुख्य मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर तथा टीएमसी के विश्वजीत दास के बीच है. खास बात है कि विश्वजीत दास पहले बीजेपी के ही विधायक थे.

2019 में पश्चिम बंगाल के अंदर 18 सीट जीतने वाली बीजेपी ने इस बार 28 सीट जीतने का लक्ष्य बनाया है. वहीं 'दीदी' विधानसभा चुनाव के अपने प्रदर्शन को दोहराकर यह साबित करना चाहती हैं कि यहां उनका दबदबा अब भी बरकरार है.

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