बीजेपी की सहयोगी पार्टी जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) ने 1 अगस्त को मांग करते हुए कहा कि, केंद्र सरकार पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा एलपीजी सिलेंडर (Domestic LPG Cylinder) की कीमतों में की गयी बढ़ोतरी को वापस ले. बिहार में गठबंधन का नेतृत्व करने वाली पार्टी, जेडीयू ने कोरोना महामारी के बीच घरों पर वित्तीय दबाव का हवाला देते हुए कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी इस मुद्दे का इस्तेमाल अगले कुछ महीनों में होने वाले कई चुनावों में गठबंधन को नुकसान पहुंचाने के लिए कर सकते हैं.
न्यूज चैनल NDTV से बात करते हुए जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि,
"पिछले एक साल में इतनी बढ़ोतरी पहले कभी नहीं हुई- कहां पेट्रोल है, कहां डीजल है... कहां किचन का बिगड़ता हुआ बजट है. ये बहुत चिंताजनक है और हम एक मित्र पार्टी होने के नाते सरकार को सुझाव देना चाहते हैं कि इन सबको रोलबैक करना चाहिए. एलपीजी की कीमतों में की गई बढ़ोतरी को तत्काल वापस लिया जाये क्योंकि आने वाले दिनों में कई राज्यों में चुनाव हैं, उनमे हमारे जो विरोधी हैं इसको हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं."
बता दें कि पेट्रोलियम कंपनियों ने सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 25 रुपये की बढ़ोतरी की है. खुदरा विक्रेताओं द्वारा एक महीने में यह दूसरी बार कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की गई है. इससे पहले 18 अगस्त को भी इसमें ₹25 की बढ़ोतरी की गई थी.
कोरोना के बाद आम लोगों की खस्ताहाल वित्तीय हालात का हवाला देते हुए केसी त्यागी ने कहा,
"कोरोना ने किसान, मजदूर और मध्यम श्रेणी...सभी की कमर तोड़ रखी है. रोजगार की कमी है. पिछले एक साल में पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी के अलावा किसानों के लिए बिजली और कीटनाशकों की कीमतें इतने बढ़ी हैं जिससे किसानों की खेती की लागत काफी बढ़ गयी है. मजदूरों की तनख्वाह कम हो गई है. इस भाव पर उनके लिए पेट्रोल लेना, डीजल लेना, सब्जी लेना उसके लिए दूभर हो गया है."
साथ ही पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार केसी त्यागी ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को बाजार पर छोड़ने पर भी आपत्ति जताई और कहा कि सरकार को लोगों के लाभ के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाना चाहिए.
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