ओबीसी आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बवाल शुरू हो चुका है. विधानसभा सत्र में इस मामले को लेकर जमकर बवाल हुआ. बीजेपी विधायकों ने महाराष्ट्र सरकार पर ओबीसी आरक्षण को लेकर कई आरोप लगाए और हंगामा किया. जिसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर ने बीजेपी के 12 विधायकों को अगले 1 साल के लिए सस्पेंड कर दिया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल एनसीपी कोटे से मंत्री छगन भुजबल ने सदन में ओबीसी आरक्षण पर चर्चा का प्रस्ताव रखा. जिसके बाद विपक्षी दल बीजेपी ने सदन में जमकर हंगामा किया. हंगामे के बीच स्पीकर की चेयर के पास विपक्ष के विधायक पहुंच गए. साथ ही विपक्षी विधायकों ने राजदंड उठाने की कोशिश की. पर्चे फाड़कर हवा में लहराए गए. इस हंगामे की वजह से सदन का कामकाज कई बार स्थगित हुआ.
ओबीसी आरक्षण पर छगन भुजबल ने सरकार की तरफ से कहा,
"महाराष्ट्र में ओबीसी समाज के राजनैतिक आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी. 1 अगस्त 2019 को फडणवीस जी ने नीति आयोग को पत्र लिखकर ओबीसी पर डेटा देने की मांग की थी. फडणवीस जी आपसे विनती है कि आप हमारा नेतृत्व कीजिए... प्रधानमंत्री के पास चलिए"
भुजबल ने आगे कहा, ओबीसी की जो डेटा आपके पास है उसका इस्तेमाल आप उज्ज्वला योजना, पीएम आवास के लिए करते हैं. फडणवीस आपने कोशिश की लेकिन डेटा नहीं मिला. चलिए पीएम मोदी के पास चलकर सब विनती करते हैं कि ये डेटा हमें दीजिए. अगर ये डेटा हमें मिल गया तो हमने जो कमीशन बनाया है वो दो महीने में रिसर्च पूरा कर लेगा और और फिर एक बार ओबीसी आरक्षण के लिए अपील कर सकेंगे.
इस पर देवेंद्र फडणवीस ने भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि, राज्य सरकार अपना पल्ला झाड़ केंद्र पर जिम्मेदारी डालने के कोशिश कर रही है. महाराष्ट्र सरकार ओबीसी समाज का हक वापस नही करना चाहती. जिसके बाद सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष के विधायको में हंगामा शुरू हो गया. सदन का कामकाज स्थगित करने के बाद स्पीकर भास्कर जाधव ने विपक्ष के साथ बैठक बुलाई. लेकिन इस बैठक में फिर एक बार बीजेपी विधायक आक्रामक हो गए. जाधव का आरोप है कि उनसे धक्का मुक्की और गाली गलौच किया गया.
विधानसभा में हुए हंगामे पर पीठाधीश भास्कर जाधव ने इस पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया,
"महाराष्ट्र के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ. मेरे सामने का माइक तोड़ दिया. राजदंड उठाने की कोशिश की. बीजेपी के विधायकों ने मुझे मां-बहन की गालियां दीं. इन्हें रोकने की कोशिश की तो जैसे गुंडे होते हैं वैसा बीजेपी विधायकों ने व्यवहार किया."
बीजेपी के निलंबित विधायको के नाम -
गिरीश महाजन, पूर्व मंत्री
संजय कुटे, पूर्व मंत्री
आशीष शेलार, पूर्व मंत्री
अभिमन्यु पवार
अतुल भातखलकर
हरीश पिम्पले
पराग अलवनी
राम सातपुते
जयकुमार रावल, पूर्व मंत्री
योगेश सागर, पूर्व मंत्री
नारायण कूचे
कीर्तिकुमार बागड़िया
फडणवीस ने लगाए सरकार पर आरोप
बीजेपी विधायकों के सस्पेंड होने पर पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस सरकार ने ऐसा करने के लिए कहानी बनाई. उन्होंने कहा कि, हमारे विधायकों ने अपशब्दों का इस्तेमाल या गालियां नहीं दीं. वहां जरूर कुछ कड़े शब्दों का इस्तेमाल हुआ, लेकिन हमारे सीनियर मेंबर आशीष शेलार ने सभी विधायकों की तरफ से इसके लिए स्पीकर से माफी मांगी. लेकिन बाद में सरकार ने प्लान के तहत हमारे 12 विधायकों को सस्पेंड कर दिया. हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.
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