महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नतीजे कुछ ही घंटों में साफ हो जाएंगे. नतीजों के रुझानों में बीजेपी राज्य में एक बार फिर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है. बीजेपी-शिवसेना बहुमत से कई सीट ज्यादा हासिल करती हुई नजर आ रही है. हालांकि इस बार बीजेपी अपने पिछले आंकड़े तक पहुंचती नहीं दिख रही. वहीं शिवसेना को फायदा होता दिख रहा है. इसी बीच शिवसेना ने बीजेपी को 50-50 फॉर्मूला भी याद दिलाया है.
बीजेपी को शिवसेना का साथ जरूरी
बीजेपी की स्थिति फिलहाल अकेले या फिर अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने की नहीं दिख रही है. ऐसे में उसे अपनी सहयोगी पार्टी शिवसेना का साथ जरूरी होगा. लेकिन शिवसेना एक बार फिर मजबूती के साथ उभरती हुई दिख रही है. ऐसे में असली सवाल है कि आखिरी नतीजे घोषित होने के बाद शिवसेना का क्या रुख होगा.
शिवसेना सीट बंटवारे के दौरान से ही बीजेपी से बराबरी की बात कर रही थी. अब चुनाव के जो नतीजे दिख रहे हैं, उसके बाद शिवसेना एक बार फिर फ्रंट फुट पर आकर खेल सकती है. शिवसेना नेता संजय राउत ने तो रुझानों के दौरान ही 50-50 फॉर्मूला रख दिया है.
चुनाव के आखिरी नतीजों के बाद ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या शिवसेना सरकार बनाने के लिए कोई बड़ी शर्त रखती है या फिर छोटे भाई की तरह ही सरकार के साथ काम करने का फैसला लेती है.
उलटफेर के लिए तैयार कांग्रेस
कांग्रेस फिलहाल ऐसी स्थिति में है कि अगर उसे किसी भी तरह राज्य में सरकार बनाने का मौका मिलता है तो वो उसे लपक लेगी. ऐसे में शिवसेना को सीएम पद के ऑफर से कांग्रेस सरकार बनाने की सोच सकती है. शिवसेना ने इस बार आदित्य ठाकरे को चुनावी मैदान में उतारा है, ऐसे में उन्हें सीएम बनाने की मांग भी उठ रही है. कांग्रेस इसी मौके को भुनाने की एक कोशिश कर सकती है.
कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा है कि बीजेपी को सत्ता से दूर रखना ही कांग्रेस की प्राथमिकता होगी. सत्ता से दूर रखने का यही सीधा मतलब है कि कांग्रेस अब शिवसेना को बड़ा भाई बनाकर महाराष्ट्र की सत्ता की कुर्सी में बैठना चाहती है.
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