महाराष्ट्र में बीजेपी और अजित पवार ने कुछ ही घंटे में सरकार बना दी. जिसके बाद देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने सीएम-डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली. लेकिन अब अचानक से हुए इस घटनाक्रम पर सवाल खड़े हो रहे हैं. आरोप सीधे राज्यपाल पर लगाए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि आखिर कैसे कुछ ही पलों में सरकार बनाने की पूरी कहानी तैयार हो सकती है?
कांग्रेस ने खड़े किए सवाल
कांग्रेस ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर राज्यपाल पर हमला बोला है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राज्यपाल के काम करने के तरीके पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने लोकतंत्र की सुपारी ले ली है और राज्यपाल शाह के हिटमैन साबित हुए हैं. सुरजेवाला ने ट्वीट कर लिखा,
“अब ये साबित हो गया कि भाजपा देश के लोकतंत्र की सुपारी ले चुकी है. राज्यपाल एक बार फिर शाह के ‘हिटमैन’ साबित हुए हैं. राष्ट्रपति शासन कब हटा?, रातोंरात कब दावा पेश किया?, कब विधायकों की सूची पेश की? कब विधायक राज्यपाल के समक्ष पेश हुए? चोरों की तरह शपथ क्यों दिलाई?”
राउत बोले- राजभवन का हुआ गलत उपयोग
कांग्रेस के अलावा शिवसेना नेता संजय राउत ने भी राज्यपाल पर जमकर हमला बोला. उन्होंने बीजेपी पर राजभवन का दुर्पयोग करने का आरोप लगाया. राउत ने कहा, "BJP ने राजभवन की शक्तियों का दुर्पयोग किया. पैसे और ताकत का गलत इस्तेमाल किया गया है. महाराष्ट्र की जनता के साथ धोखा हुआ. आखिरी वक्त तक अजित पवार, शरद पवार के साथ हमारी बैठक में शामिल थे."
कांग्रेस और शिवसेना के बाद एनसीपी की तरफ से भी राज्यपाल के फैसले पर सवाल खड़े किए गए. खुद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि पार्टियां अपने विधायकों के हस्ताक्षर लेकर रखती हैं. अजित पवार एनसीपी के विधायक दल के नेता थे, इसीलिए यह लिस्ट उनके पास थी. मुझे लगता है कि राज्यपाल के सामने वही लिस्ट रखी गई. इस बारे में हम राज्यपाल से बातचीत करेंगे.
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