शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है. उद्धव ठाकरे के साथ ही शिवसेना के एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई, एनसीपी के जयंत पाटिल, छगन भुजबल और नितिन राउत ने भी शपथ लिया है. शपथ लेने वालों में छगन भुजबल भी हैं जिन्हें एक 'मस्तमौला' नेता के तौर पर जाना जाता है. जेल से निकलने के बाद छगन भुजबल को भी नहीं पता था कि वो इतनी जल्दी एक बार फिर मंत्री पद हासिल कर लेंगे.
शिवसेना से की थी राजनीति की शुरुआत
येवला सीट से एनसीपी विधायक छगन भुजबल कई बार सत्ता में रहे. कभी मुंबई में सब्जी बेचने से शुरुआत करने वाले भुजबल 60 के दशक में बाल ठाकरे से जुड़कर राजनीति में आए. 1985 में मुंबई के मेयर चुने गए और 1991 में शिवसेना छोड़ 9 विधायकों समेत कांग्रेस में शामिल हो गए. बाद में जब शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन किया तो वो शरद पवार के साथ जुड़ गए.
छगन भुजबल 2004 से 2014 तक PWD मंत्री रहे. इस दौरान उनपर कई आरोप लगे. 2014 में जब वो सत्ता से बाहर हुए तो उनके मुश्किल दिन आने शुरू हो गए. भुजबल कई आरोपों में फंसते गए.
2016 में हुई गिरफ्तारी
भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उन्हें 14 मार्च, 2016 को गिरफ्तार किया गया था. 2 साल से भी ज्यादा जेल में रहने के बाद मई, 2018 में उनको जमानत हासिल हुई. इससे पहले भुजबल की जमानत याचिका पांच बार खारिज की जा चुकी थी. उनके खराब स्वास्थ्य और बढ़ती आयु को देखते हुए शुक्रवार को उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली गई. अब वो महाराष्ट्र की उद्धव सरकार में मंत्री बनने जा रहे हैं.
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