महाराष्ट्र में कोरोना संकट के बीच अचानक ऐसी खबरें सामने आईं, जिनसे सरकार को हरकत में आना पड़ा. महाविकास अघाड़ी की इस सरकार ने तुरंत एक बैठक बुलाई, जिसमें तीनों पार्टियों के नेता शामिल हुए. इस बैठक को समन्वय समिति का नाम दिया गया. बैठक से महाराष्ट्र के इन तीनों दलों ने ये मैसेज देने की कोशिश की है कि गठबंधन में सब कुछ ठीक है. लेकिन खास बात ये रही कि बैठक में कांग्रेस को भी शामिल किया गया. जबकि इससे पहले की बैठकों में शिवसेना और एनसीपी नेता ही शामिल होते थे.
एकजुटता दिखाने के लिए तीनों दलों की बैठक
दरअसल महाराष्ट्र सरकार को लेकर कहा जा रहा था कि गठबंधन के दलों में कुछ ठीक नहीं चल रहा है. इन खबरों को हवा तब मिल गई जब एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने राज्यपाल कोश्यारी से मुलाकात की. इसके बाद चारों तरफ कयास लगाए जाने शुरू हो गए. इन कयासों का जवाब देने तीनों दलों के कुछ नेता जरूर सामने आए, लेकिन कुछ खास असर नहीं हुआ. जिसके बाद तीनों दलों ने ये बैठक बुलाने का फैसला किया.
महाविकस अघाड़ी समन्वय समिति की इस बैठक में तीनों पार्टी के नेता मौजूद थे. बैठक में शिवसेना से अनिल परब, सुभाष देसाई और एकनाथ शिंदे मौजूद थे. वहीं एनसीपी से अजित पवार और जयंत पाटिल शामिल हुए. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बालासाहब थोराट ने भी बैठक में हिस्सा लिया.
कांग्रेस को मिली अहमियत
इन खबरों के बीच सबसे बड़ी बात ये है कि कांग्रेस पिक्चर में शामिल हो गई है. ऐसा यहां इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार में कांग्रेस को हाशिये पर रखा गया था. यहां तक कि कांग्रेस नेताओं को कई बार लोगों से ये कहते हुए भी सुना गया कि सरकार शिवसेना की है. इस बात पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुहर लगा दी. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि,
"हम महाराष्ट्र में सरकार को समर्थन कर रहे हैं. लेकिन महाराष्ट्र में हम लोग फैसले नहीं ले सकते हैं. हम पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पुडुचेरी में फैसले ले सकते हैं. इसीलिए सरकार चलाने में और सरकार को समर्थन देने में काफी अंतर होता है.”
अब राहुल गांधी के इस बयान से कांग्रेस की भूमिका ठीक वैसी ही नजर आने लगी, जैसे बीजेपी के साथ शिवसेना की हुआ करती थी. तब शिवसेना लगातार ये बीजेपी को ये बताती थी कि उन्हें बड़े फैसलों में शामिल नहीं किया जाता है.
राहुल के बयान ने कांग्रेस को दी ताकत
राहुल गांधी के इस बयान के बाद अब कांग्रेस को महाविकास अघाड़ी की सरकार में ताकत मिलती दिख रही है. कांग्रेस को बैठक में शामिल किया जाना और राहुल गांधी को महाराष्ट्र की स्थिति के बारे में जानकारी देना इसका एक बड़ा सबूत है. बताया गया है कि आदित्य ठाकरे ने राहुल गांधी से फोन पर बातचीत की है और उन्हें राज्य की स्थिति के बारे में बताया है. महाराष्ट्र में कांग्रेस का रोल तीसरा है, ऐसे में सरकार के अस्थिर होने की खबरों का कहीं न कहीं कांग्रेस को फायदा जरूर मिला है.
फडणवीस के बयान का जवाब
इस समन्वय बैठक के बाद शिवसेना नेता और मंत्री अनिल परब ने देवेंद्र फडणवीस के उस बयान को लेकर हमला बोला, जिसमें उन्होंने बताया कि केंद्र महाराष्ट्र को पूरा सपोर्ट दे रहा है. उन्होंने कहा, फडणवीस ने कहा कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र को पूरा सहयोग दे रही है, ऐसा बोलते हुए फडणवीस ने राज्य के लोगों को गुमराह करने का काम किया.
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष थोराट ने कहा कि इस वक्त जब हम कोरोना से लड़ाई लड़ रहे हैं तो विपक्ष को हमें सपोर्ट करना चाहिए. लेकिन वो सिर्फ सरकार की छवि खराब करने में जुटे हैं.
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