महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की इस स्वीकारोक्ति को सराहा है कि 45 साल पहले देश में लगाई गई इमरजेंसी एक गलती थी. साथ ही इसने बीजेपी से कहा है कि अब केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी की बारी है कि वह अपनी गलतियों को स्वीकार करे.
बता दें कि मंगलवार को राहुल गांधी के इस आश्चर्यजनक बयान के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता व मंत्री नवाब मलिक, शिवसेना नेता किशोर तिवारी और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से यही मांग दोहराई है.
किस नेता ने क्या कहा?
पटोले ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बड़ी जिम्मेदारी के साथ यह स्वीकार किया है कि 1975 में लगाया गया 21 महीने का लंबा आपातकाल (इमरजेंसी) एक 'गलती' थी.
पटोले ने मांग की कि "क्या अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी यह भी स्वीकार करेंगे कि 2002 के गुजरात दंगे एक बड़ी गलती थी और वे इसकी जिम्मेदारी लेंगे?"
मलिक ने कहा कि कांग्रेस की इस स्वीकारोक्ति के बाद कि इमरजेंसी किसी भी तरह से सही कदम नहीं था, अब बीजेपी की बारी है कि वह गुजरात दंगों की अपनी गलती को स्वीकार करे.
मलिक ने कहा कि कांग्रेस ने दिल्ली में सिख विरोधी दंगों (1984) के लिए भी माफी भी मांगी थी और अब उसे यह लगता है कि इमरजेंसी लागू करना गलत था. वे अपनी गलतियों को सुधार करने का प्रयास कर रहे हैं. बीजेपी कब इसी तरह स्वीकार करेगी और गुजरात दंगों के लिए माफी मांगेगी.
राहुल गांधी के दावे का स्वागत करते हुए तिवारी ने कहा कि यह कांग्रेस की ओर से एक शानदार संकेत था और अब बीजेपी की बारी है कि वह लोकतांत्रिक भावना के अनुरूप चले और अपनी गलती स्वीकार करे.
'मोदी को खेद व्यक्त करना चाहिए'
तिवारी ने कहा कि मोदी को न केवल खेद व्यक्त करना चाहिए, बल्कि यदि आवश्यक हो तो उन्हें सभी प्रभावित लोगों के लिए भी उपयुक्त संशोधन करना चाहिए. इतना ही नहीं, अपनी ईमानदारी साबित करने के लिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. कांग्रेस ने महसूस किया है और अपनी पिछली त्रुटियों को मिटाने की कोशिश कर रही है, बीजेपी को भी जनता में अपनी विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए ऐसा ही करना चाहिए. आजमी ने कहा कि बीजेपी एक 'भारत जलाओ पार्टी' बन गई है और यह पिछले 7 वर्षों में हर दिन सभी मोचरें पर देश को नष्ट करने में लगी हुई है.
आजमी ने कहा कि उन्हें (बीजेपी को) गुजरात दंगों के लिए स्पष्ट रूप से माफी मांगनी चाहिए. साथ ही 'लव-जिहाद' के उत्पीड़न के लिए जिस तरह से मुस्लिमों, दलितों और अन्य गरीब लोगों की लिंचिंग पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है, उसके लिए भी उन्हें माफी मांगनी चाहिए.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)