लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के लिए सीट शेयरिंग को लेकर महाराष्ट्र (Maharashtra) में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. कई राज्यों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी गठबंधन 'INDIA' ने अपने-अपने सहयोगियों के साथ सीटों का बंटवारा कर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. लेकिन महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति (Mahayuti) और विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) में अभी तक सीट बंटवारे का फॉर्मूले फाइनल नहीं हो पाया है और कई सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हुई है.
चलिए आपको बतातें है कि महाराष्ट्र में महायुति और MVA गठबंधन में कहां पेंच फंसा है? किन-किन सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है.
महायुति में टूट का खतरा, NCP की चेतावनी
अजित पवार (Ajit Pawar) के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने महायुति से अलग होने की चेतावनी दे दी है. दरअसल, बारामती लोकसभा सीट को लेकर NCP और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बीच विवाद है. शिवसेना नेता विजय शिवतारे ने बारामती निर्वाचन क्षेत्र से अपनी दावेदारी पेश की है. वहीं महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा को NCP इस सीट पर अपना उम्मीदवार बना सकती है.
पिछले हफ्ते मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात के एक दिन बाद, विजय शिवतारे ने शुक्रवार को बारामती में सुनेत्रा पवार के योगदान पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था, ''मैं दोनों पवारों को हरा दूंगा''. बता दें कि बारामती से शरद पवार गुट से सुप्रिया सुले के नाम का ऐलान हो चुका है.
दूसरी तरफ शिवतारे ने अजित पवार पर भी निशाना साधा है, जिसके बाद से NCP खेमा नाराज चल रहा है. एनसीपी के प्रवक्ता उमेश पाटिल ने कहा, "पिछले हफ्ते डिप्टी सीएम अजित पवार पर हमला बोलने वाले विजय शिवतारे के खिलाफ एक्शन होना चाहिए. आज उन्होंने एक बार फिर हमारे नेता के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया."
NCP ने रविवार को धमकी दी कि अगर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने शिवतारे को बर्खास्त नहीं किया तो वह सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन छोड़ देगी.
"आज उन्होंने फिर हमारे नेता के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है. अब, केवल शिवसेना द्वारा उनकी बर्खास्तगी ही हमें शांत करेगी. नहीं तो हम महायुति गठबंधन छोड़ने पर विचार कर रहे हैं.”इंडियन एक्सप्रेस से NCP प्रवक्ता उमेश पाटिल
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवतारे ने पिछले हफ्ते बिना किसी का नाम लिए कहा था, ''अगर मुझे एक शैतान को रोकना है, तो इसका मतलब है कि दूसरा शैतान सफल हो जाएगा. उन्होंने ग्रामीण इलाकों में आतंक फैला रखा है. उन्होंने कई लोगों को चोट पहुंचाई है...यह प्रधानमंत्री मोदी के करीब चले गए हैं. चुनाव जीतने के बाद मैं फकीर के रूप में काम करूंगा."
महायुति में 7 सीटों पर फंसा पेंच
महायुति में 7 सीटों पर सहमति नहीं बन पा रही है. इन सीटों पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और बीजेपी के बीच मतभेद है. कुछ सीटों पर शिवसेना और एनसीपी आमने सामने है.
पालघर: बीजेपी और शिवसेना में खींचतान
मुंबई साउथ: बीजेपी और शिवसेना में खींचतान
ठाणे: बीजेपी और शिवसेना में खींचतान
रत्नागिरी सिंधुदुर्ग: बीजेपी और शिवसेना में खींचतान
नासिक: बीजेपी और शिवसेना दोनों कर रही दावा
रामटेक: बीजेपी और शिवसेना में खींचतान
बारामती: एनसीपी और शिवसेना में खींचतान
ठाणे और पालघर लोकसभा सीट पर बीजेपी और शिंदे गुट दोनों ने दावा किया है. ठाणे में मौजूदा सांसद राजन विचारे, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ हैं और पालघर के सांसद राजेंद्र गावित वर्तमान में शिंदे के साथ हैं. वहीं बीजेपी नेतृत्व को लगता है कि वह दोनों सीटों पर मजबूत है और चुनाव लड़ने की मांग कर रही है, जबकि शिंदे गुट का कहना है कि दोनों निर्वाचन क्षेत्र पारंपरिक रूप से शिवसेना के पास रहे हैं और इसलिए दोनों सीटें शिवसेना को मिलनी चाहिए.
कोंकण क्षेत्र में रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता नारायण राणे ने अपने बेटे नीलेश के लिए दावा पेश किया है. जबकि राज्य के उद्योग मंत्री और शिंदे गुट के नेता उदय सामंत के भाई किरण सामंत की नजर भी इस सीट पर है.
बता दें कि अविभाजित शिव सेना पिछले कई सालों से रत्नागिरी सिंधुदुर्ग सीट से चुनाव लड़ रही है, कोंकण को शिव सेना का गढ़ माना जाता है.
मुंबई साउथ सीट पर विवाद है. शिवसेना नेता यशवंत जाधव को उनके समर्थकों ने 'दक्षिण मुंबई के भावी सांसद' के रूप में पेश किया है. जाधव ने इस पर चर्चा करने के लिए शिंदे से मुलाकात भी की है. वहीं बीजेपी के राहुल नार्वेकर इस सीट के लिए दावेदारी कर रहे हैं.
विदर्भ के रामटेक में शिवसेना शिंदे गुट के नेता कृपाल तुमाने मौजूदा सांसद हैं. हालांकि, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने सार्वजनिक रूप से इस सीट पर पार्टी की ओर से दावेदारी पेश की है.
नासिक में सीट बंटवारे पर बातचीत खत्म होने से पहले ही श्रीकांत शिंदे ने मौजूदा सांसद हेमंत गोडसे की उम्मीदवारी की घोषणा कर दी है. गढ़चिरौली के आदिवासी निर्वाचन क्षेत्र में भी, बीजेपी और अजीत पवार के नेतृत्व वाली NCP आमने-सामने है.
BJP ने अब तक 23 उम्मीदवारों का किया ऐलान
बीजेपी ने महाराष्ट्र में अब तक अपने 23 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. दूसरी लिस्ट में 20 और 5वीं लिस्ट में 3 उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को मुंबई उत्तर से मैदान में उतारा गया है. पीयूष गोयल पहली बार चुनाव लड़ेंगे. पंकजा मुंडे को महाराष्ट्र के बीड से मैदान में उतारा गया है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी नागपुर से चुनाव लड़ेंगे.
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गढ़चिरौली-चिमूर सीट पर बीजेपी और एनसीपी के बीच खींचतान चल रही थी. हालांकि, बीजेपी ने अपनी 5वीं लिस्ट में यहां से अशोक महादेव राव नेते की उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया है. इसके अलावा पार्टी ने भंडारा-गोंदिया से सुनील बाबूराव और सोलापुर से राम सातपुते को टिकट दिया.
प्रकाश अंबेडकर का MVA को अल्टीमेटम, उद्धव गुट से तोड़ा नाता
वहीं, MVA में भी सीट शेयरिंग को लेकर खींचतान चल रही है. इस बीच वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने रविवार (24 मार्च) को शिवसेना (UBT) से नाता तोड़ लिया है. साथ ही उन्होंने सीट बंटवारे को लेकर महाविकास अघाड़ी (MVA) में मचे घमासान के बीच चेतावनी दी है कि 26 मार्च से पहले निर्णय लें. वरना वह खुद फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं.
अंबेडकर ने पिछले नवंबर में शिव सेना (UBT) के साथ भीमशक्ति-शिवशक्ति गठबंधन बनाया था. उन्होंन MVA घटक दल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) और शिव सेना (UBT) पर VBA की अनदेखी करते हुए "अपने स्वयं के राजनीतिक हितों को आगे बढ़ाने" का आरोप लगाया है.
जानकारों की मानें तो VBA प्रमुख के इस कदम को पार्टी का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने या समान विचारधारा वाले बीजेपी विरोधी या कांग्रेस विरोधी दलों के साथ गठबंधन करने के इरादे के रूप में देखा जा रहा है जैसा कि उसने पांच साल पहले किया था.
शिव सेना (UBT) के साथ गठबंधन तोड़ने पर अंबेडकर ने कहा कि एमवीए के किसी घटक के साथ व्यक्तिगत साझेदारी का कोई मतलब नहीं है. सभी फैसले सामूहिक रूप से लिए जाने चाहिए.
MVA में इन सीटों पर फंसा पेंच
MVA में भी करीब 8 सीटों पर विवाद है. सांगली सीट को लेकर कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) के बीच खींचतान चल रही है. यहां दोनों पार्टियों ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटिल के पोते विशाल को मैदान में उतरा है, जबकि उद्धव सेना ने पहलवान चंद्रहार पाटिल को उम्मीदवार घोषित किया है.
सांगली लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. वहां से 1980 से 2014 तक दिवंगत मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटील के घराने से ही उम्मीदवार लोकसभा में पहुंचा है.
इसके अलावा रामटेक, भिवंडी, बुलढाणा, मुंबई उत्तर मध्य और मुंबई दक्षिण मध्य में भी दोनों पार्टियों में मतभेद हैं. कांग्रेस रामटेक, भिवंडी और मुंबई की 2 में से एक सीट मांग रही है, जिस पर उद्धव ठाकरे सहमत नहीं हैं. गौरतलब है कि अविभाजित शिवसेना ने 2019 के लोकसभा चुनावों में इन पांच सीटों में से चार पर जीत हासिल की थी, केवल भिवंडी बीजेपी के खाते में गई थी.
दूसरी तरफ कांग्रेस और NCP (शरद गुट) में वर्धा और भंडारा-गोंदिया सीट को लेकर बातचीत चल रही है.
2019 के नतीजों पर एक नजर
महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं. 2019 में बीजेपी और शिवसेना ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. वहीं UPA में कांग्रेस और NCP थी. NDA ने 41 सीटों पर कब्जा जमाया था. 5 सीट UPA के खाते में गई थी, जबकि एक सीट पर AIMIM और एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी.
हालांकि, इस बार के समीकरण बदल चुके हैं. शिवसेना और NCP दो धड़ों में बंट गई है. NDA में इस बार बीजेपी के साथ NCP अजित पवार गुट और शिवसेना शिंदे गुट है. वहीं MVA में कांग्रेस के साथ शिवसेना (UBT) और NCP शरद गुट शामिल हैं.
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