महाराष्ट्र के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का जिम्मा दिया गया है. हाल ही में महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी. जिसके बाद से राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व बदलाव की चर्चा ने जोर पकड़ लिया था. नाना पटोले के अलावा भी कुछ लोगों के नाम रेस में थे लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने पटोले पर भरोसा जताया है.
इस बदलाव में खास बात ये है कि प्रदेश कांग्रेस के लिए 10 वाइस प्रेसिंडेट के साथ-साथ 6 वर्किंग प्रेसिडेंट भी बनाए गए हैं. इनमें शिवाजी राव मोगे, बासवराज पाटिल, मोहम्मद आरिफ नसीम खान जैसे नाम हैं. साफ है कि पार्टी संगठन विस्तार पर जोर दे रही है.
नाना पटोले को चुनने की संभावित वजह
हाल ही में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मराठा समाज से भाई जगताप का नाम चुना गया. जिसके बाद पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए ओबीसी चेहरा देने की मांग जोर पकड़ने लगी. ऐसे में पीएम मोदी को चुनौती देते हुए कांग्रेस में शामिल होने वाले नाना पटोले एक आक्रामक ओबीसी चेहरा बनकर सामने आए. नाना, राहुल गांधी के भी चहेते माने जाते है. पिछली विधानसभा चुनाव में विदर्भ ने कांग्रेस को काफी ताकत दी. इसलिए विदर्भ के भंडारा-गोंदिया से सांसद रह चुके नाना पटोले पर विदर्भ को फिर एक बार कांग्रेस का गढ़ बनाने की जिम्मेदारी मिल सकती है.
हालांकि, सूत्रों की माने तो कांग्रेस के कुछ नेता पटोले के नाम पर सहमत नहीं थे. दरअसल,पटोले पहले एनसीपी में थे, फिर बीजेपी में गए और अब कांग्रेस में शामिल हो गए है. पार्टी में आते ही पटोले को किसान मोर्चा का अध्यक्ष पद, फिर भंडारा-गोंदिया विधानसभा सीट के उपचुनाव की टिकट और फिर 2019 की विधानसभा चुनाव में विधायक चुनकर आने पर महाराष्ट्र विधानसभा का स्पीकर पद सौंपा गया. अब उन्होंने प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है.
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