महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है. राष्ट्रपति ने कैबिनेट की सिफारिश को मंजूरी दे दी है. बता दें, महाराष्ट्र के राज्यपाल ने ये मानते हुए कि राज्य में कोई पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी और इसे केंद्रीय कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी थी.
इसके बाद शिवसेना तुरंत सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. पार्टी की दलील है कि उसे समर्थन जुटाने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला.
महाराष्ट्र के राजभवन की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक -‘’संविधान के मुताबिक महाराष्ट्र में सरकार बनने के आसार नहीं है, लिहाजा राज्यपाल ने संविधान के आर्टिकल 356 के तहत महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की है.
समय खत्म होने से पहले सिफारिश
राज्यपाल ने पहली बीजेपी और फिर शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया था. आखिर में कल रात राज्यपाल ने एऩसीपी को आज रात 8.30 बजे तक का समय दिया था लेकिन ये समय सीमा पूरी होने से पहले से राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी. राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की खबर पर कांग्रेस से शिवसेना में आईं नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने सवाल उठाया है. उन्होंने ट्वीट कर पूछा है,
जब तक एनसीपी को दिया वक्त खत्म नहीं हो जाता तब तक कैसे माननीय राज्यपाल राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कैसे कर सकते हैं?प्रियंका चतुर्वेदी, शिवसेना नेता
वहीं कांग्रेस नेता संजय झा ने भी राष्ट्रपति शासन की खबर पर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा, “होशियारी बहुत! राज्यपाल के फैसले को अदालतों में चुनौती दी जाएगी.”
ताज्जुब की बात ये है कि राष्ट्रपति शासन की सिफारिश आने से थोड़ी देर पहले ही एनसीपी नेता नवाब मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि राजभवन से उन्हें जानकारी दी गई है कि समय सीमा खत्म होने से पहले राष्ट्रपति शासन की सिफारिश नहीं की जाएगी.
राज्यपाल BJP के इशारे पर कर रहे काम- सिब्बल
राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि देश में राज्यपाल केंद्र के इशारे पर काम कर रहे हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)