ADVERTISEMENTREMOVE AD

CBI-ED चीफ का कार्यकाल बढ़ाने के अध्यादेश को SC में चुनौती देंगी महुआ मोइत्रा

Mahua Moitra की याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

TMC सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra ) ने सीबीआई और ईडी के प्रमुखों को 5 साल तक पद पर बने रहने की अनुमति देने वाले केंद्र द्वारा जारी अध्यादेशों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. महुआ मोइत्रा ने इस मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

याचिका में कहा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ

मोइत्रा की याचिका ने दो अध्यादेशों - केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) अध्यादेश और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) अध्यादेश पर चार आधारों पर सवाल खड़ा किया है - पहला लेजिस्लेटिव अक्षमता, दूसरा -8 सितंबर के सुप्रीम कोर्ट के आदेश (केवल "दुर्लभ और असाधारण परिस्थितियां") को दरकिनार करते हुए ईडी निदेशक के विस्तार का निर्देश ",तीसरा- जांच एजेंसियों की स्वतंत्रता, चौथा और अंतिम सरकार के फैसले से जुड़ी दुर्भावना.

8 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने मौजूदा ईडी निदेशक को एक साल का विस्तार देने के सरकार के फैसले को बरकरार रखा था. लेकिन कोर्ट ने एक कंडीशन के साथ कहा था कि "रिटायरमेंट की आयु वाले अधिकारियों को दिए गए कार्यकाल का विस्तार केवल आसाधारण मामलों में ही किया जाना चाहिए.

टीएमसी सांसद ने अपनी याचिका में 1997 के विनीत नारायण मामले के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा की सीबीआई निदेशक और इनफोर्समेंट का सुप्रीम कोर्ट के फैसले द्वारा संरक्षित दो साल का एक तय न्यूनतम कार्यकाल है.

0

याचिका में कहा गया है, "कार्यकारी अध्यादेश की तरह एक कार्यकारी अधिनियम के माध्यम से इस न्यायालय के फैसले को रद्द नहीं कर सकता है. सीवीसी (संशोधन) इस प्रकार लेजिस्लेटिव अक्षमता रखता है.

उन्होंने आगे कहा, "एक साल की अवधि को इस तथ्य के मद्देनजर छोटा विस्तार नहीं कहा जा सकता है कि सीबीआई और ईडी दोनों निदेशकों के कुल कार्यकाल को दो साल के कानून के रूप में माना जाता है."

बता दें कि केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश लाकर सीबीआई (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) के प्रमुखों के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ा दिया है. अब तक इन केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों का कार्यकाल दो साल का ही होता था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×