बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय के पोहा खाने के तरीके से बांग्लादेशियों की पहचान करने वाले बयान पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जुबानी हमला किया है. इसके साथ ही ममता ने पीएम मोदी के 'कपड़े देखकर हिंसा करने वाले लोगों की पहचान कर लेने' वाले बयान की भी आलोचना की है.
बंगाल में एक कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने कहा, "क्या आप (बीजेपी) बड़े होने के दौरान हवा खा रहे थे? मैंने कभी नहीं सुना कि किसी व्यक्ति को उनके पहनावे और खान-पान से पहचाना जा सके. यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है."
ममता बनर्जी ने आगे कहा-
“हमें ऐसे लोगों को समझाना होगा जिन्हें बीजेपी गुमराह कर रही है. हम बंधुआ मजदूर नहीं बल्कि इस देश के नागरिक हैं. क्या आप (बीजेपी) तय करेंगे कि कौन क्या खाएगा या कौन किस धर्म का पालन करेगा? क्या आप तय करेंगे कि ‘पोहा’ कौन खाएगा?”
दरअसल, हाल ही में बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि वो लोगों को उसके खाने के तरीके से पहचान लेते हैं कि वो भारतीय है या बंग्लादेशी, वो भी अगर खाना पोहा हो तो बताना और आसान हो जाता है. विजयवर्गीय ने कहा था, 'मेरे घर में काम कर रहे मजदूरों के पोहा खाने के स्टाइल से मैं समझ गया कि वे बांग्लादेशी हैं.'
विजयवर्गीय के इस बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है. कांग्रेस नेता सुष्मिता देव ने इसपर आपत्ति जताते हुए कहा था, "अगर बीजेपी का कोई जिम्मेदार नेता पोहा खाने के तरीके से किसी की राष्ट्रीयता तय करता है और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ता है तो यह चिंता की बात है. इसलिए हम कह रहे हैं कि सरकार एनपीआर के जरिए लोगों की प्रोफाइलिंग करना चाहती है."
वहीं 15 दिसंबर को पीएम मोदी ने झारखंड के दुमका की रैली में कहा था- 'ये आग लगाने वाले कौन है ये उनके कपड़ों से ही पता चल जाता है.' ये बात उन्होंने नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को लेकर कही थी.
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