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ममता ने लगाया मदर टेरेसा चैरिटी के खाते बंद करने का आरोप, केंद्र ने दिया जवाब

ममता बनर्जी बोलींं, उनके 22,000 रोगियों और कर्मचारियों को भोजन और दवाओं के बिना छोड़ दिया गया है.

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टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने सोमवार, 27 दिसंबर को कहा कि केंद्र सरकार ने मदर टेरेसा (Mother Teresa) के बनाए गए मिशनरीज ऑफ चैरिटी (Missionaries of Charity) के बैंक अकाउंट को सील कर दिया है यानी अब मिशनरीज ऑफ चैरिटी बैंक अकाउंट से लेन-देन नहीं कर पाएगा.

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ममता ने ट्वीट किया, "ये सुनकर स्तब्ध हूं कि क्रिसमस पर केंद्रीय मंत्रालय ने भारत में मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया! उनके 22,000 रोगियों और कर्मचारियों को भोजन और दवाओं के बिना छोड़ दिया गया है. जबकि कानून सर्वोपरि है, मानवीय प्रयासों से समझौता नहीं किया जाना चाहिए."

ममता के इस ट्वीट के बाद गृह मंत्रालय ने बताया कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी के किसी भी खाते को फ्रीज नहीं किया गया है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सूचित किया है कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने स्वयं एसबीआई को अपने खातों को फ्रीज करने का अनुरोध भेजा है.

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बैंक खातों को सील नहीं किया गया है- मिशनरीज ऑफ चैरिटी

ममता बनर्जी के इस दावे के बाद मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने कहा कि उनके खातों को सील नहीं किया गया है. मिशनरीज ऑफ चैरिटी की प्रवक्ता सुनिता कुमार ने बाताया कि भारत सरकार ने उनके किसी खाते को सील नहीं किया है, ना ही उनके पास इसे लेकर कोई जानकारी है.

एक चैनल से बातचीत में सुनिता कुमार ने कहा, "नहीं...हमें इस बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है. जहां तक मेरी बात है, मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं है. भारत सरकार ने हमें ऐसा कुछ भी नहीं बताया है. बैंक ट्रांजेक्शन अच्छे से हो रहे हैं. सब ठीक है."
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गुजरात में मिशनरीज ऑफ चैरिटी के खिलाफ दर्ज हुई थी FIR

बता दें कि गुजरात के वडोदरा जिले में लड़कियों के लिए चलाए जा रहे एक बाल गृह (जिसका संचालन मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा चलाया जाता है) के खिलाफ कथित तौर पर धर्म परिवर्तन की कोशिश करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, पुलिस ने आरोपों के बारे में बात करते हुए कहा कि लड़कियों को बाइबिल पढ़ने के लिए कहा जा रहा था और अन्य समुदायों के लोगों की कुछ शादियां ईसाई रीति-रिवाजों के अनुसार आयोजित की जा रही थीं. हालांकि, संस्थान में काम करने वाली एक नन ने आरोपों का खंडन किया है.

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