मणिपुर कांग्रेस में सियासी घमासान मचा है. पार्टी के अध्यक्ष गोविंदास कोंथौजाम (Govindas Konthoujam) ने इस्तीफा दे दिया हैय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आज मणिपुर में कांग्रेस के 8 विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं.
गोविंददास कोंथौजम बिष्णुपर विधानसभा क्षेत्र से लगातार छह बार विधायक रह चुके हैं और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे. पिछले साल दिसंबर में उन्हें मणिुपर कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था. उनका इस तरह पार्टी से इस्तीफा देना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि अगले साल मणिपुर में विधानसभा चुनाव है
शारदा देवी को मणिपुर का बीजेपी अध्यक्ष नियुक्त किया था. इससे पहले एस टिकेंद्र सिंह बीजेपी अध्यक्ष थे,, जिनकी मई में कोरोना से मौत हो गई थी.
2017 के चुनाव के क्या थे नतीजे
2017 के विधानसभा चुनाव में 60 सीटों में 28 सीटें कांग्रेस ने जीती और बीजेपी ने 21 सीटें जीती थीं, बहुमत के लिए 31 सीटों की जरूरत थी. NPP की 4 सीटें थीं, NPF की भी 4 और लोकजनशक्ति पार्टी को एक, टीएमसी एक और निर्दलीय की एक सीटें शामिल कर बीजेपी ने बहुमत का नंबर हासिल कर लिया था. बीजेपी ने गठबंधन कर सरकार बना ली और बीरेन सिंह मणिपुर के मुख्यमंत्री बन गए.
हालांकि जून 2020 में एक बार फिर सियासी तूफान मचा था जब बीरेन सिंह की सरकार गिरने की कगार पर आ गई थी, 17 जून को सरकार तब अस्थिरता में चली गई, जब 6 विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया और तीन बीजेपी विधायकों ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया. हालांकि नेशनल पीपल्स पार्टी के 4 विधायक बाद में गठबंधन में वापस आ गए. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व और मेघालय के मुख्यमंत्री कोर्नाड के संगमा के दखल के बाद बीजेपी के सहयोगी दल के ये विधायक वापस आ सके थे.
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