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रक्षा मंत्री ने आमिर पर साधा निशाना, बोले- ‘सबक सिखाना पड़ता है’

कश्मीर में फायरिंग के सवाल पर कहा- फिलहाल सेना को लाठी चलाने की ट्रेनिंग नहीं दे सकते.

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रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बॉलीवुड एक्टर आमिर खान के ‘देश छोड़ने’ वाले बयान को लेकर उन पर निशाना साधा. पर्रिकर ने आमिर का नाम लिए बिना कहा कि देश के खिलाफ बोलने वालों को उसी तरह सबक सिखाया जाना चाहिए जिस तरह एक एक्टर और एक ऑनलाइन व्‍यापार करने वाली कंपनी को सिखाया गया.

पत्रकार नितिन गोखले की किताब के मराठी वर्जन के लॉन्‍च के मौके पर पर्रिकर ने कहा, “एक एक्टर ने कहा कि उनकी पत्नी भारत से बाहर जाना चाहती हैं. यह बेहद घमंड भरा बयान है. अगर मैं गरीब हूं और मेरा घर छोटा है तो क्या हुआ, मैं तब भी अपने घर से प्यार करूंगा और उसे बंगला बनाने का सपना देखूंगा.”

मैं केवल यह इशारा करने का प्रयास कर रहा हूं… यदि कोई ऐसा बोलता है तो उसे उसके जीवन का सबक सिखाना चाहिए. जब एक्‍टर ने ऐसा किया तो जिस कंपनी को वह एंडॉर्स कर रहे थे वह ऑनलाइन ट्रेडिंग कंपनी थी. हमारे कुछ लोग काफी स्‍मार्ट हैं. एक टीम थी जो इस पर काम कर रही थी. वे लोगों को कह रहे थे कि आप ऑर्डर दो और सामान लौटा दो. कंपनी को सबक सिखाना चाहिए. उन्‍हें अपना विज्ञापन वापस लेना पड़ा.  
मनोहर पर्रिकर, रक्षा मंत्री

आमिर ने नवंबर 2015 में रामनाथ गोयनका अवार्ड फंक्शन के दौरान कहा था कि देश में असहिष्‍णुता के चलते वह असुरक्षित महसूस करते हैं.

पहले की तुलना में अब थोड़ा डर लगता है. मुझे लगता है कि थोड़ी असुरक्षा है. जब मैं घर में होता हूं और किरण से बात करता हूं. किरण और मैं अपनी पूरी जिंदगी भारत में रहे हैं. पहली बार उसने कहा कि क्‍या हमें भारत से बाहर जाना चाहिए? किरण का यह बयान मेरे लिए डरावना और बड़ा था. उसे अपने बच्‍चे का डर था. उसे डर है कि हमारे आसपास का माहौल कैसा होगा. वह रोज जब अखबार खोलती है तो डरती है.
साल 2015 में दिया गया आमिर खान का बयान

इस बयान को लेकर आमिर खान को काफी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था. इसके बाद ई-कॉमर्स कंपनी स्‍नैपडील ने भी आमिर खान का ब्रांड एंबेसेडर कॉन्ट्रेक्‍ट रिन्‍यू नहीं किया था.

जेएनयू मामले पर भी बोले रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने परोक्ष रूप से जेएनयू मामले का जिक्र करते हुए कहा कि देश के खिलाफ बोलने वाले लोगों को पाठ पढ़ाए जाने की जरूरत है.

जेएनयू में देशविरोधी नारेबाजी का जिक्र करते हुए पर्रिकर ने कहा, “कैसे कुछ लोगों को देश के विरोध में बोलने का साहस हो जाता है. ऐसे लोग, जो देश के खिलाफ बोलते हैं, उन्हें इस देश के लोगों द्वारा पाठ पढ़ाए जाने की जरूरत है.
मनोहर पर्रिकर, रक्षा मंत्री

सेना को नहीं दे सकते लाठी की ट्रेनिंग

रक्षा मंत्री पर्रिकर ने कश्मीर में सेना द्वारा किए गए बल प्रयोग के सवाल पर कहा कि जहां देश विरोधी ताकतों से लड़ना होगा वहां सेना को भी बल का इस्तेमाल करना ही पड़ेगा.

कश्मीर में सेना द्वारा लोगों पर गोली चलाए जाने के आरोपों पर रक्षा मंत्री ने कहा कि , “हम लोगों को खोना नहीं चाहते लेकिन जहां देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए सेना लगाई जाती है, वहां उसे ताकत भी देनी होगी. मैं खुद चाहता हूं कि देश में डिजास्टर मैनेजमेंट के अलावा कहीं भी सेना का इस्तेमाल न हो. फिलहाल हम सेना को लाठी चलाने की ट्रेनिंग तो नहीं दे सकते.
मनोहर पर्रिकर, रक्षा मंत्री

मनोहर पर्रिकर के इन बयानों के बाद विपक्षी दलों की ओर से भी प्रतिक्रियाएं आईं हैं. कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने ट्वीट किया है कि मनोहर पर्रिकर के बयान से साबित होता है कि ये दलित और अल्पसंख्यकों को दबाने की साजिश है. क्या ये ‘राज धर्म’ हो सकता है?

सुरजेवाला ने ये सवाल भी उठाया, ‘क्या मनोहर पर्रिकर का काम भारत की रक्षा करना है या अपने आमिर खान जैसे अपने देश के नागरिक को धमकी देना है?

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