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मथुरा मीट बैन: मुस्लिम मांस विक्रेता अब खटखटाएंगे हाई कोर्ट का दरवाजा

22 वार्डों में एक लाख से अधिक मुसलमान रहते हैं जहां प्रतिबंध की घोषणा की गई है

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मथुरा (Mathura) जिले के मुस्लिम मांस विक्रेताओं ( Meat Sellers) ने मांस की बिक्री पर प्रतिबंध के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है.

एक सामाजिक कार्यकर्ता और एनजीओ संकल्प वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष मोहम्मद रियाजुद्दीन राजू ने कहा, मुस्लिम मांस विक्रेताओं ने प्रतिबंध के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है. वे मुस्लिम बहुल इलाकों में अपना व्यवसाय करने की अनुमति मांगेंगे.

उन्होंने कहा, उन 22 वार्डों में एक लाख से अधिक मुसलमान रहते हैं जहां प्रतिबंध की घोषणा की गई है. उन्हें अपने खाने की आदतों को बदलने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. हमें डर है कि अगर मांस व्यक्तिगत उपभोग के लिए भी ले जाया जाता है, तो हमले हो सकते हैं.

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मांस पर प्रतिबंध केवल उनकी बिक्री पर है, उपभोग पर नहीं

मथुरा जिले में शराब और मांस पर प्रतिबंध केवल उनकी बिक्री पर लागू है, उनके उपभोग पर नहीं. शराब और मांस की दुकानों को अब मथुरा-वृंदावन नगर निगम के 22 वार्डों के बाहर शिफ्ट किया जाएगा जहां प्रतिबंध लगाए हैं.

जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि केवल बिक्री पर प्रतिबंध है और खपत पर कोई प्रतिबंध नहीं है. लाइसेंस प्राप्त दुकानों और मांस की दुकानों को जल्द ही स्थानांतरित कर दिया जाएगा.

कृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर से 10 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में शुक्रवार की रात जहां प्रतिबंध लागू हुआ, वहां लगभग 45 शराब की दुकानें और 18 मीट आउटलेट हैं, जिनमें रेस्तरां भी शामिल हैं जहां मांसाहारी भोजन परोसा जाता है.

व्यवसाय बदलने के इच्छुक लोगों की मदद करेगा प्रशासन

मथुरा-वृंदावन नगर निगम आयुक्त अनुनय झा ने कहा कि प्रतिबंधित क्षेत्रों में पुलिस प्रतिबंध को सख्ती से लागू करवाएगी. शनिवार से सभी 18 मीट आउटलेट बंद कर दिए गए हैं.

मथुरा के जिला मजिस्ट्रेट, नवनीत सिंह चहल ने कहा कि सरकार उन लोगों की मदद करेगी और उन्हें प्रशिक्षित करेगी जो अपना व्यवसाय बदलने के इच्छुक हैं.

उन्होंने कहा, कई सरकारी योजनाएं हैं जिनके साथ उन्हें समायोजित किया जा सकता है और नए व्यवसाय शुरू करने में मदद की जा सकती है.

हालांकि, शराब विक्रेताओं ने कहा कि उन्होंने इस वित्तीय वर्ष के लाइसेंस शुल्क का भुगतान पहले ही कर दिया है.
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मथुरा में शराब की दुकान चलाने वाले सुनील कुमार कहते हैं, सरकार को इन प्रतिबंधों को अगले वित्तीय वर्ष से लागू करना चाहिए था. इसके अलावा, मैं तीन साल से अपना स्टोर चला रहा हूं, जिसकी बिक्री लगभग 1 लाख रुपये प्रतिदिन है। क्या मुझे स्थानांतरण के बाद भी ऐसा ही मिलेगा?

इसी तरह मांस विक्रेता भी स्थानांतरण को लेकर सतर्क दिखाई दे रहे हैं.

एक मांस विक्रेता ने कहा, ग्राहक मांस खरीदने के लिए दूर-दूर तक नहीं जाएंगे. ऐसा करने से उन्हें नुकसान होगा. इसलिए अदालत जाना ही एकमात्र समाधान है.

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