कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक डॉक्युमेंट्री जारी की है, जिसमें वो प्रवासी मजदूरों से मुलाकात कर रहे हैं और उनका हाल जान रहे हैं. इस वीडियो में प्रवासी मजदूरों ने राहुल गांधी को अपना दर्द बताया, लेकिन अब इस पर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी नेताओं ने इसे दिखावा कहा है. वहीं, बसों वाले मामले में कांग्रेस का साथ देने वाली मायावती ने भी राहुल गांधी के वीडियो को नाटक बताया है.
बता दें कि, मायावती 22 मई को हुए विपक्ष की मीटिंग में भी शामिल नहीं हुई थी. जबकि इसमें देश के 22 अलग-अलग पार्टियों के नेता शामिल हुए थे. राहुल गांधी के वीडियो पर मायावती ने कहा,
“वैसे ही वर्तमान में कांग्रेसी नेता द्वारा लॉकडाउन त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुःख-दर्द बांटने सम्बंधी जो वीडियो दिखाया जा रहा है वह हमदर्दी वाला कम व नाटक ज्यादा लगता है. कांग्रेस अगर यह बताती कि उसने उनसे मिलते समय कितने लोगों की वास्तविक मदद की है तो यह बेहतर होता.”
'असली कसूरवार कांग्रेस है'
मायावती ने ट्वीट कर कहा, 'आज पूरे देश में कोरोना लॉकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है क्योंकि आजादी के बाद इनके लम्बे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गांव-शहरों में की होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करना पड़ता?'
बीजेपी नेताओं का हमला
राहलु गांधी की डॉक्युमेंट्री पर बीजेपी नेताओं ने हमला किया है. बीजेपी नेता नलिन कोहली ने कहा, “ये दिखावा है और ये उनकी आदत है. वहीं, केंद्रीय अस्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि राहुल गांधी सॉल्यूशन नहीं पॉल्यूशन कर रहे हैं.”
वहीं, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता अनिल विज ने सवाल उठाया है कि, अभी तो ये भी तय नहीं है कि राहुल गांधी ने जिनसे बात की वे मजदूर थे भी या बैठाए गए कलाकार थे. ऐसा लग रहा है कि इसके स्पेशल शूटिंग की गई है.
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