ADVERTISEMENTREMOVE AD

बीजेपी, RSS बाबा साहब के नाम पर नाटकबाजी कर रहे हैं: मायावती

बीजेपी दिल पर पत्थर रखकर आजकल डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का नाम ले रही है.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

उत्तर प्रदेश के सरकारी रिकार्ड में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर का नाम अब ‘भीमराव रामजी अंबेडकर' के तौर पर दर्ज किए जाने के फैसले पर बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने बीजेपी को लताड़ा है. उन्होंने कहा कि आरएसएस और बीजेपी बाबा साहब के नाम पर नाटक करते आ रहे हैं. बीजेपी दिल पर पत्थर रखकर आजकल डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का नाम ले रही है.

मायावती के संबोधन की खास बातें:

  • लोगों के लिए सम्मान का प्रतीक है डॉक्टर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर
  • आरएसएस और बीजेपी के विचार डॉक्टर अंबेडकर के प्रति जहरीले हैं.
  • अंबेडकर ने अपना पूरा जीवन दलितों और शोषितों के लिए लगा दिया
  • वो अपना पुरा नाम बी आर अंबेडकर ही लिखते थे, उनके नाम में बी आर अंबेडकर ही अंकित है
  • बीजेपी को ये अच्छा नहीं लगता कि लोग भीमराव अंबेडकर का सम्मान क्यों करते हैं
  • लोग मुझे सम्मान से बहनजी कहते हैं ये भी बीजेपी को अच्छा नहीं लगता
  • भीमराव अंबेडकर सबके लिए परम पूज्य हैं, जैसे गांधी जी को कोई पूरा नाम नहीं लिखते मोहन दास करमचंद गांधी नहीं कहा जाता सिर्फ महात्मा गांधी कहा जाता है
  • क्या मोदी के लिए नरेंद्र दामोदर दास मोदी लिखा जाता है, तो फिर बाबा साहब के नाम पर राजनीति क्यों
ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या है मामला?

उत्तर प्रदेश के सरकारी रिकार्ड में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर का नाम अब ‘भीमराव रामजी आंबेडकर' के तौर पर दर्ज किया जाएगा. राज्य सरकार ने इस सिलसिले में शासनादेश जारी किया है. प्रमुख सचिव (सामान्य प्रशासन) जितेन्द्र कुमार ने प्रदेश के सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और विभागाध्यक्षों को बुधवार को जारी शासनादेश में कहा है कि संविधान की आठवीं अनुसूची (अनुच्छेद 344(1) और-351) भाषाएं में अंकित नाम का संज्ञान लेते हुए शासन ने विचार के बाद उत्तर प्रदेश से जुड़े सभी दस्तावेजों में अंकित ‘डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर' का नाम संशोधित करके ‘डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर' करने का निर्णय लिया है.

अंबेडकर की जगह आंबेडकर लिखने की भी वकालत

मालूम हो कि राज्यपाल नाईक पूर्व में भी अम्बेडकर के स्थान पर आंबेडकर लिखने की यह कहते हुए वकालत कर चुके हैं कि इस महापुरुष ने संविधान के दस्तावेज पर जो हस्ताक्षर किये थे उसमें अम्बेडकर के बजाय आंबेडकर ही लिखा था. नाईक ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर महासभा को पत्र लिखकर अपनी चिंता भी जाहिर की थी.

बहरहाल, राज्य सरकार के इस कदम की विपक्ष ने तीखी आलोचना की है. एसपी नेता अनुराग भदौरिया ने सरकार पर आंबेडकर के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि वो दलित मतदाताओं को लुभाने के लिये ऐसा कर रही है. कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत ने कहा कि बीजेपी सिर्फ नामों का अनुसरण करती है, उस व्यक्ति के काम का अनुसरण नहीं करती. सिर्फ नाम पर काम करना चाहते हैं. बेहतर है कि बीजेपी संविधान को बचाने और उसे मजबूत करने का काम करें. संविधान को कमजोर करके अम्बेडकर की शोहरत नहीं हो सकती.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×