चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के पंजाब के नए सीएम बनने पर मायावती ने कांग्रेस पर हमला बोला है, मायावती ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए इसे चुनावी हथकंडा बताया.
चरणजीत सिंह चन्नी को कुछ वक्त के लिए पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया जाना कांग्रेस का चुनावी हथकंडा है. आगामी पंजाब चुनाव इनके नेतृत्व में नहीं बल्कि गैर दलित के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. इससे साफ होता है कि कांग्रेस का दलितों पर अब तक भरोसा नहीं हुआ हैBSP अध्यक्ष मायावती, लखनऊ, यूपी
मायावती ने आगे कहा कि मुझे मीडिया के माध्यम से भी पता चला है कि पंजाब का अगला विधानसभा चुनाव एक गैर-दलित के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. इसका मतलब यह हुआ कि कांग्रेस को अभी भी दलितों पर पूरा भरोसा नहीं है. पंजाब में अकाली-बीएसपी गठबंधन से कांग्रेस भी डरी हुई है.
मायावती ने बीजेपी पर भी हमला बोलते हुए कहा-'बीजेपी में ओबीसी समाज के लिए प्रेम उभरा है. अगर बीजेपी ओबीसी के लिए कुछ करना चाहती है तो जातिवार जनगणना क्यों नहीं करवाती है. उन्होंने सवाल उठाया कि अभी तक सरकारी नौकरियों में एससी-एसटी के खाली पद क्यों नहीं भरे गए हैं? लोगों को बीजेपी और कांग्रेस के चुनावी हथकंडों से सावधान रहना चाहिए.
बता दें कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम पद के लिए चुना और उनको नया मुख्यमंत्री बनाया गया है.
चन्नी पंजाब में मुख्यमंत्री पद के पायदान तक पहुंचने वाले पहले दलित हैं. चरणजीत सिंह चन्नी रामदासिया दलित सिख समुदाय से आते हैं. उन्हें महज चार साल पहले, मतलब 16 मार्च 2017 को ही कैबिनेट मंत्री बनाया गया था.
दलितों में खास पकड़ है
मुख्यमंत्री के तौर पर चरणजीत सिंह चन्नी को चुनने के पीछे एक कारण यह भी है कि इनकी दलितों में खास पकड़ है.
चरणजीत सिंह चन्नी खुद रामदासिया सिख समुदाय से आते हैं और अनुसूचित जाति से आने वाले पंजाब के पहले मुख्यमंत्री हैं. पंजाब में करीब 32 फीसदी सिख दलित हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)