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देवड़ा के इस्तीफे पर निरुपम का वार:इस्तीफा है कि ऊपर जाने की सीढ़ी

कांग्रेस में इस्तीफे पर इस्तीफे हो रहे हैं. मगर कुछ पुराने ‘रार’ अब भी सुलझने का नाम नहीं ले रहे हैं.

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कांग्रेस में इस्तीफे पर इस्तीफे हो रहे हैं. मगर कुछ पुराने ‘रार’ अब भी सुलझने का नाम नहीं ले रहे हैं. मुंबई कांग्रेस में मिलिंद देवड़ा और संजय निरुपम की अनबन काफी पुरानी है. अब मिलिंद देवड़ा ने मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसके तुरंत बाद संजय निरुपम ने ट्वीट कर ये पूछ लिया कि ये इस्तीफा है या ऊपर चढ़ने की सीढ़ी.

साथ ही संजय निरुपम ने ये भी कह दिया की ऐसे ‘कर्मठ’ लोगों से पार्टी को सावधान रहना चाहिए.

इस्तीफा में त्याग की भावना अंतर्निहित होती है. यहां तो दूसरे क्षण ‘नेशनल’ लेवल का पद मांगा जा रहा है. यह इस्तीफा है या ऊपर चढ़ने की सीढ़ी? पार्टी को ऐसे ‘कर्मठ’ लोगों से सावधान रहना चाहिए.
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निरुपम को हटा देवड़ा बनाए गए थे अध्यक्ष

दरअसल, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मिलिंद देवड़ा को संजय निरुपम की जगह मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था. इससे पहले मुंबई कांग्रेस में संजय निरुपम और मिलिंद देवड़ा के बीच लंबे समय से गुटबाजी चली आ रही थी.

7 जुलाई को इस्तीफा देते वक्त मिलिंद देवड़ा ने एक बयान में कहा था कि वो राष्ट्रीय स्तर पर अधिक अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं. इसी बयान पर बिना नाम लिए संजय निरुपम ने वार किया है.

मिलिंद देवड़ा ने अपने इस्तीफे के वक्त मुंबई कांग्रेस का नेतृत्व तीन सीनियर मेंबर्स की समिति को भी सौंपने का सुझाव दिया है. जिसपर भी संजय निरुपम नाराज दिखे. निरुपम ने कहा कि ये सुझाव बिलकुल सही नहीं है, इससे पार्टी बर्बादी की ओर बढ़ेगी.

कांग्रेस में इस वक्त इस्तीफों का दौर चल रहा है. 4 जुलाई को राहुल गांधी ने औपचारिक तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. ट्विटर पर जारी 4 पन्नों के बयान में राहुल गांधी ने ये भी कहा था कि चुनाव में कांग्रेस की हार के जिम्मेदारी वो ले रहे हैं. इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं. राहुल ने ये भी कहा था कि पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए कड़े फैसले करने होंगे और बहुत से लोगों को 2019 में मिली हार की जिम्मेदारी लेनी होगी.

इसके बाद कई बड़े नेताओं ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने-अपने पदों से इस्तीफा दिया है या इस्तीफे का प्रस्ताव रखा है.

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