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Chhanbey by-election:कीर्ति और रिंकी कोल आमने -सामने,दो आदिवासी घरानों की कहानी

Mirzapur Chhanbey assembly by-election: समाजवादी पार्टी ने छानबे सीट पर कीर्ति कोल को अपना उम्मीदवार बनाया है.

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Mirzapur Chhanbey assembly by-election: अपना दल एस के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) भी छानबे विधानसभा उपचुनाव (Mirzapur Chhanbey assembly by-election) के लिए प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. समाजवादी पार्टी ने कीर्ति कोल पर एक बार फिर भरोसा जताया है, तो वहीं अपना दल एस ने स्वर्गीय विधायक राहुल प्रकाश कोल की पत्नी रिंकी कोल को प्रत्याशी बनाया है. अब छानबे के रणभेरी में दोनों राजनीतिक घरानों आमने सामने होगा.

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दोनों राजनैतिक घरानों का राजनीतिक सफर

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के छानबे विधानसभा उपचुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे ही चुनावी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं. रविवार देर शाम समाजवादी पार्टी ने छानबे विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने पत्ते खोल दी. तो वहीं अपना दल एस ने पहले से ही अपना दल एस के विधायक रहें स्वर्गीय राहुल प्रकाश कोल की पत्नी को मैदान में उतार दिया है, और उन्होंने प्रचार भी शुरू कर दिया है.

कीर्ति कोल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी स्वर्गीय विधायक राहुल प्रकाश कोल के सामने थी मगर हार का सामना करना पड़ा था. राहुल प्रकाश कोल के कैंसर की बीमारी से निधन के बाद खाली हुई सीट पर उप विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. स्वर्गीय राहुल प्रकाश कोल की जगह उनकी पत्नी रिंकी कोल और कीर्ति कोल इस बार आमने-सामने होंगी. दोनों राजनीतिक परिवार से आती हैं. एक के पिता प्रधान से सांसद तक बने हैं तो एक की ससुर विधायक से लेकर संसद तक का सफर तय किया है.अपना दल एस ने स्वर्गीय विधायक राहुल प्रकाश कोल की पत्नी रिंकी को प्रत्याशी बनाया है.

रिंकी के परिवार की सियासत की बात करें तो रिंकी के ही पति स्वर्गीय राहुल प्रकाश कोल 2017 व 2022 के चुनाव में छानबे विधानसभा से विधायक थे और लगतार दूसरी बार जीत दर्ज की थी. कैंसर के बीमारी के कारण विधायक राहुल प्रकाश कोल का इस वर्ष निधन हो गया था जिसके कारण उपचुनाव हो रहा है. रिंकी कोल जिला पंचायत सदस्य भी हैं. ससुर पकौड़ी लाल कोल वर्तमान में राबर्ट्सगंज सोनभद्र से अपना दल एस से सांसद हैं. पकौड़ी लाल कोल समाजवादी पार्टी से राबर्ट्सगंज सोनभद्र से एक बार और सांसद थे.साथ ही छानबे विधानसभा से विधायक भी रह चुके हैं. रिंकी की देवरानी वर्तमान में पटेहरा ब्लॉक प्रमुख हैं.

कीर्ति कोल के पिता का प्रधान से लेकर सांसद बनने का सियासी सफर

कीर्ति कोल के पिता स्वर्गीय भाईलाल कोल राबर्ट्सगंज सोनभद्र से एक बार सांसद और छानबे विधानसभा से दो बार विधायक थे. इसके साथ ही भाईलाल कोल 1995 में अपने गांव पचोखर से प्रधान भी थे. यहीं से राजनीति सफर की शुरुआत हुई और प्रधान से लेकर सांसद तक का इनका सियासी सफर रहा. बीजेपी से वह 1996 में छानबे विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और विधायक चुन लिए गए. बीजेपी ने 2001 के विधानसभा  चुनाव में टिकट काट दिया तो वे BSP में चले गए और 2004 में सोनभद्र रार्बटसगंज संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े और सांसद चुन लिए गए.

जब BSP ने 2009 में टिकट काट दिया तो SP से 2012 में फिर छानबे विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और विधायक बन गए, मगर 2017 के विधानसभा चुनाव में फिर से SP से लड़े तो अपनादल (एस) बीजेपी गठबंधन के उम्मीदवार राहुल प्रकाश कोल से पटकनी खा गए. यहीं नहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में राबर्ट्सगंज सोनभद्र संसदीय सीट से अपना दल एस के उम्मीदवार व राहुल प्रकाश कोल के पिता पकौड़ी लाल कोल ने भी SP प्रत्याशी भाईलाल कोल को हराया था. कीर्ति कोल विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर छानबे से चुनाव लड़ा था, लेकिन राहुल प्रकाश कोल हरा दिया था.

समाजवादी पार्टी ने कीर्ति कोल के ऊपर तीसरी बार दाव खेला

इसके बाद समाजवादी पार्टी ने उनको विधान परिषद के लिए प्रत्याशी बनाया था. वहां नामांकन हो गया, लेकिन नामांकन पत्र की जांच के दौरान इनकी उम्र कम होने से पर्चा खारिज हो गया था. फिर भी समाजवादी पार्टी ने इन्हें तीसरी बार मौका दी है. 2022 के विधानसभा चुनाव में स्वर्गीय विधायक राहुल प्रकाश कोल ने बीजेपी के गठबंधन से जीत दर्ज की थी. कैंसर की बीमारी से 2 फरवरी को राहुल प्रकाश कोल का निधन हो गया जिसके बाद यह सीट रिक्त हो गई थी.

राहुल प्रकाश कोल 102502 मत (निर्वाचित), जबकि इनके निकटतम प्रतिद्वंदी SP उम्मीदवार कीर्ति कोल 64389 मत, BSP से धनेश्वर गौतम 32245 मत, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार भगवती प्रसाद चौधरी 3935 मत प्राप्त किये थे. कीर्ति कोल लालगंज विकास खंड के पचोखरा गांव की रहने वाली है तो रिंकी कोल पटेहरा विकासखंड के कुबरी गांव के रहने वाली हैं. दोनों राजनीति घराने से ताल्लुक रखती हैं. एक के ससुर विधायक सांसद, और पति विधायक चुने जा चुके हैं तो एक के पिता ने प्रधानी से संसद तक का सफर तय किया है. 

कीर्ति कोल के पिता भाईलाल कोल का तीन पार्टियों से नाता रहा बीजेपी, BSP व समाजवादी पार्टी से तो वहीं रिंकी कोल के ससुर पकौड़ी लाल कोल भी तीन इन पार्टियों में रहकर राजनीतिक चमक बनाया है. समाजवादी पार्टी, BSP और अपना दल एस में एक बार फिर हम दोनों राजनीतिक घराने का परिवार छानबे विधानसभा के उपचुनाव में आमने-सामने आ गया है अब देखना होगा जनता  इस बार किसे विधानसभा पहुंचती है.

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