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मॉनसून सत्र से पहले मोर्चाबंदी शुरू, सोनिया गांधी के घर पर बैठक

उपसभापति के लिए चुनाव के मूड में विपक्ष

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संसद के मॉनसून सत्र में विपक्षी पार्टियां सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में दिख रही हैं. सोमवार सुबह यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर कांग्रेस नेताओं की बैठक है. वहीं शाम में गुलाब नबी आजाद की अध्यक्षता में विपक्षी दलों की बैठक होगी.

इस बैठक में विपक्षी पार्टियां नए उपसभापति के चुनाव के साथ-साथ बुधवार से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र के लिए अपनी रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे. पहले से ही कयास लगाए जा रहे हैं राज्यसभा के नए उपसभापति के चयन में विपक्षी दलों के बीच एकता देखी जा सकती है.

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नए उपसभापति के चुनाव पर होगी चर्चा

सोमवार शाम राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में विपक्ष में शामिल कई प्रमुख दलों के नेता शामिल हो सकते हैं. इस बैठक में राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा होने की उम्मीद है.

पी जे कुरियन का कार्यकाल 1 जुलाई को खत्म हो चुका है. ऐसे में उपसभापति के लिए चुनाव होना है. इस बात के भी संकेत मिल रहे हैं कि सरकार मॉनसून सत्र में चुनाव नहीं करवा सकती है, हालांकि सत्ताधारी बीजेपी ने इस मसले पर अभी अपना रुख साफ नहीं किया है.

संविधान में राज्यसभा उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए कोई निश्चत समय सीमा का जिक्र नहीं है. परंपरा के मुताबिक, राज्यसभा के नए उपसभापति का चुनाव मौजूदा उपसभापति के सेवानिवृत्त होने के कुछ महीने बाद होता रहा है. 
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उपसभापति के लिए चुनाव के मूड में विपक्ष
सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्षी पार्टियां
(फाइल फोटोः PTI)
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उपसभापति के लिए चुनाव के मूड में विपक्ष

नए उपसभापति के लिए विपक्ष चुनाव के पक्ष में दिख रहा है, हालांकि बहुत कुछ तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस), एआईएडीएमके, बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस के रुख पर निर्भर करेगा.

इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि कांग्रेस इस पद के लिए विपक्ष के उम्मीद को सपोर्ट कर सकती है. हालांकि किसी पार्टी ने नहीं कहा है कि वह अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है. कयास यह लगाया जा रहा है कि टीएमसी या एनसीपी के संयुक्त उम्मीदवार हो सकते हैं.

कयास यह भी लगाया जा रहा है कि मुकाबले की स्थिति में बीजेपी की अगुवाई में एनडीए शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल का अपना उम्मीदवार बना सकता है. इस बीच, विपक्ष मॉनसून सत्र के दौरान मॉब लिंचिंग, बैंक धोखाधड़ी, किसानों की दशा और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मसलों को लेकर सरकार को घेर सकती है.

(इनपुटः IANS)

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