बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने टीएमसी में अपनी वापसी की अटकलों को खारिज किया है. उन्होंने रविवार को कहा, '' मैं बीजेपी में हूं, और इसी में ही रहूंगा. मुझे कैलाश विजयवर्गीय, अमित शाह, नरेंद्र मोदी से बहुत सम्मान मिला है.'' केंद्र सरकार में मंत्री पद से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, ''मैं संगठन का एक हिस्सा होते हुए खुश हूं.''
मुकुल रॉय और बीजेपी के ‘बिगड़े रिश्तों’ की रिपोर्ट्स हाल ही में तब सामने आई थीं, जब वह पश्चिम बंगाल बीजेपी नेताओं और पार्टी की केंद्रीय लीडरशिप की दिल्ली में हुई मीटिंग से गायब रहे. जबकि रॉय उस समय दिल्ली में ही थे.
2017 में बीजेपी ज्वाइन करने के बाद रॉय ने 2018 के राज्य पंचायत चुनाव में और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को मजबूत करने में मदद की थी. रॉय ने टीएमसी के कई नेताओं के बीजेपी में शामिल होने का भी आयोजन किया था. जुलाई 2019 में रॉय ने दावा किया था कि टीएमसी के 107 विधायक उनके संपर्क में हैं. हालांकि उसके बाद से एक भी टीएमसी विधायक बीजेपी में नहीं गया.
इस बीच कहा जाने लगा कि रॉय अपने प्रदर्शन के लिए इनाम की अपेक्षा कर रहे हैं, जबकि पार्टी के लिए अब वो शायद ही किसी काम के बचे हैं.
एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा था, "मुकुल रॉय ने जमीनी स्तर पर काम किया है. बीजेपी क्षेत्रीय पार्टी नहीं है. यहां उनका संगठन में वर्चस्व टीएमसी जैसा नहीं हो सकता और यही उन्हें परेशान कर रहा है. साफ कहें तो हमारे लिए अब वो एक लायबिलिटी हैं.''
वहीं, लोकल रिपोर्ट्स में कहा गया कि आरएसएस मुकुल रॉय के 'दागी' टीएमसी नेताओं को बीजेपी में लाने से खुश नहीं है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)