मुंबई कांग्रेस (Mumbai Congress) में अंदरूनी कलह थमने का नाम नहीं ले रही है. मुंबई यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष जीशान सिद्दीकी (Zeeshan Siddiqui) ने मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप के खिलाफ सोनिया गांधी को शिकायत भरा खत लिखा है.
पद यात्रा के दौरान हुई बहस
रविवार 14 नवंबर को मुंबई कांग्रेस की तरफ से बढ़ती महंगाई को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ पद यात्रा का आयोजन किया गया था. जीशान ने खत में लिखा है कि इस रैली में उसे नहीं बुलाया गया था. बता दें कि जीशान बांद्रा पश्चिम से विधायक भी हैं. हालांकि नहीं बुलाए जाने के बावजूद जीशान इस रैली में शामिल हुए.
लेकिन भाई जगताप ने उन्हें रैली में अन्य नेताओं के साथ लेने से इनकार किया. इतना ही नहीं सैकड़ों कार्यकर्ताओं के सामने जगताप ने उन्हें धक्का तक दे दिया. साथ ही उनके मजहब को लेकर आपत्तिजनक वक्तव्य करते हुए उन्हें सबके सामने जलील किया.
जगताप के खिलाफ कार्रवाई की मांग
जीशान का कहना है कि वो भाई जगताप के इस बर्ताव से हैरान थे. लेकिन पार्टी की छवि खराब ना हो इसलिए उन्होंने परिस्थिति को संभालते हुए कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. हालांकि उन्होंने भाई को कहा उन्हें इस तरह से अपमानित करना सही नहीं है. मुंबई कांग्रेस के कार्यकर्ता भी शिकायत कर रहे थे कि भाई जगताप हमेशा इसी तरह से पेश आते हैं.
जीशान ने अपनी चिट्ठी में आलाकमान से अपील की है कि भाई जगताप पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. अगर वो एक विधायक और मुंबई यूथ विंग प्रेजिडेंट से इस तरह पेश आ सकते हैं तो सामान्य कार्यकर्ता पार्टी में कैसे सुरक्षित महसूस करेगा.
जीशान पहले भी कर चुके हैं शिकायत
ये पहली बार नहीं जब जीशान ने भाई जगताप के खिलाफ पार्टी आला कमान को खत लिखा है. इससे पहले भी जून 2021 में जीशान ने पार्टी में चल रहे भेदवभाव को लेकर शिकायत की थी. जीशान ने बताया था कि उन्हें पार्टी के किसी भी कार्यक्रम का न्योता नहीं दिया जाता है.
इसके अलावा भाई जगताप ने ऐसे लोगों को पार्टी में नियुक्त किया है जिन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी और खुद जीशान के खिलाफ काम किया था. जीशान का मानना है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले BMC चुनाव में इसका बड़ा खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है.
क्या है विवाद की जड़?
2021 की शुरआत में मुंबई कांग्रेस यूथ विंग के अध्यक्ष पद के चुनाव हुए. तब तत्कालीन यूथ विंग प्रेजिडेंट सूरज ठाकुर के खिलाफ जीशान सिद्दीकी भी मैदान में उतर गए. चूंकि सूरज ठाकुर शुरू से भाई जगताप के करीबी रहे हैं, इसलिए उन्होंने जिशान का अंदरूनी तौर पर कड़ा विरोध किया.
लेकिन चुनाव नतीजे जीशान के पक्ष में आए और वो मुंबई यूथ विंग के प्रेजिडेंट बन गए. तब से मुंबई कांग्रेस और यूथ विंग के बीच विवाद छिड़ गया है.
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