भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा है कि देश को ऐसे नेताओं की जरूरत है, जो प्रधानमंत्री के सामने निडर होकर बात कर सकें और उनसे बहस कर सकें.
पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने यह टिप्पणी कांग्रेस के दिवंगत नेता जयपाल रेड्डी को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में की.
मैं समझता हूं कि आजकर ऐसे नेतृत्व की बहुत आवश्यकता है जो सिद्धांतों के साथ, बेबाकी के साथ और बिना इस बात की चिंता किए हुए कि प्रधानमंत्री नाराज होंगे या खुश होंगे, अपनी बात साफ साफ कह सकें, उनसे बहस कर सकें.मुरली मनोहर जोशी, बीजेपी
जोशी ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर पार्टी लाइन से ऊपर उठकर चर्चा करने की परंपरा 'लगभग खत्म' हो चुकी है, उसे दोबारा शुरू करना होगा.
मुरली मनोहर जोशी (85) का ये बयान इसलिए भी अहम है, क्योंकि वह कई मौकों पर पार्टी के मौजूदा नेतृत्व की आलोचना करते रहे हैं. जोशी ने इसी साल उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिए जाने पर खुलेआम नाराजगी भी जताई थी.
श्रद्धांजलि सभी में मुरली मनोहर जोशी ने कांग्रेस के दिवंगत नेता जयपाल रेड्डी को याद करते हुए कि 1990 के दशक में जब जयपाल रेड्डी मंत्री थे, तब वह बौद्धिक संपदा अधिकारों पर चर्चा के लिए एक अहम फोरम के सदस्य भी थे, और अक्सर सरकार के रुख से अलग राय पेश किया करते थे.
उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे अहम मुद्दों पर जयपाल रेड्डी और वामदल समेत अन्य दलों के नेताओं की मौजूदगी वाले विभिन्न नेताओं के समूहों (फोरम) का जिक्र करते हुए कहा कि इन समूहों में दलगत विचारधारा से हटकर विचार-विमर्श होता था.
कुछ मामलों में CPM नेता सीताराम येचुरी अपने नाम के अनुरूप ‘सीताराम’ का ध्यान रखकर हमारा (BJP) साथ देते थे और कभी-कभी हम भी उनका (वामपंथी विचारधारा) साथ देते थे...मुरली मनोहर जोशी, बीजेपी
जयपाल रेड्डी की श्रद्धांजलि सभा में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी समेत कई नेता शामिल हुए.
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