Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र (Maharashtra) की नागपुर लोकसभा सीट (Nagpur Lok Sabha Hot Seat) इस बार के चुनाव में हॉट सीट मानी जा रही है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के गढ़ में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. बीजेपी से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) मैदान में हैं तो कांग्रेस से नागपुर जिला अध्यक्ष विकास ठाकरे (Vikas Thakre) ताल ठोक रहे हैं. आइए जानते हैं देशभर में संतरे के लिए मशहूर नागपुर सीट का हाल.
नितिन गडकरी बनाम विकास ठाकरे
नागपुर लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है, जहां पार्टी ने 17 में 13 चुनावों में जीत दर्ज की है. लेकिन पिछले दो चुनावों से यहां बीजेपी जीत रही है. 2019 चुनाव में बीजेपी के वोट शेयर में बढ़ोतरी हुई थी. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जीत की हैट्रिक लगाने की उम्मीद से चुनावी मैदान में हैं. वहीं कांग्रेस की कोशिश RSS के गढ़ में बीजेपी का खेल खराब करने की होगी. कांग्रेस ने इस बार नए चेहरे पर दांव खेला है.
नितिन गडकरी के पक्ष में कौन से फैक्टर हैं?
बीजेपी के कद्दावर नेताओं में से एक. साफ-सुथरी छवि और अपने काम करने के लिए जाने जाते हैं.
नितिन गडकरी को लोग एक ऐसे मंत्री, सांसद और नेता के रूप में देखते हैं, जिन्होंने शानदार सड़कें बनाकर न सिर्फ नागपुर का बल्कि सूबे और देश का विकास किया है.
गडकरी 2014 और 2019 में इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं. पिछले चुनाव में उन्हें कांग्रेस के नाना पटोले को 2 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था.
नागपुर में RSS का मुख्यालय होने से नितिन गडकरी को संगठनात्मक बढ़त हासिल है. इसके जरिए वो चुनाव प्रचार से लेकर वोटरों तक आसानी से पहुंच सकते हैं.
लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें नागपुर साउथ वेस्ट से राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खुद विधायक हैं. नागपुर साउथ, नागपुर ईस्ट, नागपुर सेंट्रल सीटों पर भी बीजेपी का कब्जा है.
विकास ठाकरे के पक्ष में कौन से फैक्टर हैं?
विकास ठाकरे नागपुर से आते हैं. पार्टी को उम्मीद है कि एनसीपी शरद गुट के साथ शिवसेना उद्धव गुट के समर्थन के चलते पार्टी करीबी टक्कर दे सकती है.
ठाकरे नागपुर के मेयर भी रह चुके हैं. ऐसे में स्थानीय स्तर पर वे अपरिचित नहीं हैं. उन्हें शहर में लोग जानते हैं. इतना ही नहीं विकास ठाकरे नागपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के भी प्रमुख हैं.
नागपुर की 6 में से दो विधानसभा सीटें कांग्रेस के पास हैं. इनमें नागपुर वेस्ट से खुद ठाकरे विधायक हैं. नागपुर नार्थ सीट से कांग्रेस नेता नितिन राउत विधायक हैं.
नागपुर में करीब 12 लाख मतदाता दलित, कुनबी, हल्बा और मुस्लिम समुदायों से हैं, ये जातिगत समीकरण गडकरी का खेल बिगाड़ सकते हैं.
पिछले चुनावी नतीजों पर नजर
2019 के चुनाव में नितिन गडकरी ने कांग्रेस के नाना पटोले को 2,16,009 वोटों से हराया था. नितिन गडकरी को 55.67% वोट मिले थे. कांग्रेस उम्मीदवार नाना पटोले को 37.45% वोट मिले थे. तीसरे पायदान पर बीएसपी के मोहम्मद जमाल को 2.67% वोट मिले थे.
2014 के चुनाव में नितिन गडकरी ने कांग्रेस के विलास मुत्तेमवार को 2,84,848 वोटों से हराया था. नितिन गडकरी को 54.17% वोट मिले थे. कांग्रेस उम्मीदवार मुत्तेमवार को 27.92% वोट मिले थे. तीसरे पायदान पर बीएसपी के मोहन गायकवाड़ को 8.89% वोट मिले थे.
2009 के चुनाव में कांग्रेस जीती थी. विलास मुत्तेमवार ने बीजेपी प्रत्याशी बनवारीलाल पुरोहित को 24,399 वोटों से हराया था. कांग्रेस उम्मीदवार को जहां 41.72% वोट मिले थे, वहीं बीजेपी प्रत्याशी के खाते में 38.49% वोट आए थे. बीएसपी के माणिकराव वैद्य 15.72% के साथ तीसरे पायदान पर रहे थे.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)