ADVERTISEMENTREMOVE AD
मेंबर्स के लिए
lock close icon

उद्धव ठाकरे को लेकर नारायण राणे ने पहले भी दिए विवादित बयान, इस बार गिरफ्तार

Narayan Rane को उद्धव ठाकरे के खिलाफ विवादित बयान देने को लेकर किया गया गिरफ्तार

Published
story-hero-img
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

हाल ही में केंद्रीय मंत्री बनाए गए महाराष्ट्र बीजेपी के नेता नारायण राणे को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने मीडिया के सामने उद्धव ठाकरे को लेकर बयान दिया था कि वो अगर 15 अगस्त के मौके पर उनके पास होते तो उनके कान के नीचे लगाते. जिसके बाद शिवसेना नेताओं की शिकायत पर अलग-अलग मामले दर्ज हुए और गिरफ्तारी भी हुई. लेकिन ऐसा पहली बार नहीं है कि जब नारायण राणे अपने बिगड़े बोल को लेकर चर्चा में हैं, पहले भी कई बार वो ऐसे ही बयान दे चुके हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

उद्धव ठाकरे को लेकर कई बयान 

हाल ही में नारायण राणे का एक वीडियो खूब वायरल हुआ था. इस दौरान भी वो सीएम उद्धव ठाकरे को लेकर ही बयान देते हुए नजर आ रहे हैं. केंद्रीय मंत्री बनने के बाद नारायण राणे कोंकण में आई बाढ़ का दौरा करने गए थे. उसी समय सीएम उद्धव ठाकरे भी कोंकण के दौरे पर थे. राणे के दौरे में कोई भी स्थानीय अधिकारी मौजूद नहीं था.

तब राणे ने अधिकारी को फोन लगाकर पूछा कि, 'उनके दौरे में कोई क्यों नहीं आया? तो अधिकारी ने बताया कि सीएम भी दौरे पर हैं. इसके बाद राणे भड़क गए और फोन पर कहा कि, 'वो किसी सीयम्म बीएम को नहीं पहचानते हैं. सीएम होगा अपने घर का. वो भी केंद्रीय मंत्री हैं'.
0

इतना ही नहीं, उद्धव ठाकरे को लेकर नारायण राणे ने एक और विवादित बयान दिया था. जब महाराष्ट्र कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित था तो राणे ने कोविड मैनजेमेंट में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. राणे ने कहा था कि, "ये सीएम सफेद पैर का होगा इसीलिए राज्य में बाढ़, बारिश और कोरोना जैसी आपदा आ रही है. ये उद्धव नहीं बल्कि उध्वस्त ठाकरे है."

सुशांत सिंह मामले में आदित्य ठाकरे पर निशाना

इसके अलावा नारायण राणे का नाम सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर भी सामने आया था, जब उन्होंने उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का नाम खुलकर उछाला था. राणे ने कहा था कि, "सुशांत और दिशा सालियान की मौत के पीछे आदित्य ठाकरे का हाथ है. उनकी वजह से दोनों की हत्या हुई है. इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

शिवसेना से लेकर कांग्रेस और बीजेपी तक का सफर

बता दें कि नारायण राणे महाराष्ट्र के दिग्गज नेताओं में से एक हैं. लेकिन पार्टी बदलने को लेकर वो हर बार चर्चा में रहे हैं. अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत शिवसेना और बाला साहेब ठाकरे के साथ करने के बाद उनकी उद्धव ठाकरे से खटपट शुरू हो गई. जिसके बाद आखिरकार उन्होंने शिवसेना छोड़कर कांग्रेस का हाथ पकड़ लिया. लेकिन कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद नहीं मिला तो उन्होंने बगावत शुरू कर दी. पार्टी ने सस्पेंड भी किया. जिसके बाद उन्होंने 2017 में कांग्रेस को भी अलविदा कह दिया.

कांग्रेस छोड़ने के बाद राणे ने अपनी खुद की पार्टी महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष बनाने का ऐलान किया. लेकिन ये ज्यादा देर तक नहीं टिक पाई और कुछ ही महीने बाद 2018 में उन्होंने बीजेपी के लिए अपना समर्थन दिखाना शुरू कर दिया. आखिरकार उनकी पार्टी का विलय बीजेपी में हुआ और अब पार्टी ने उन्हें केंद्रीय मंत्री बना दिया है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×