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नारदा केस:ममता के 2 मंत्री समेत 4 गए जेल,विपक्ष बोला-CBI आजाद नहीं

टीएमसी ने कहा है कि मोदी सरकार बंगाल में हार बर्दाश्त नहीं कर पा रही है, इसलिए बदले की कार्रवाई कर रही है.

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नारदा स्टिंग ऑपरेशन केस ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल की सियासत में हंगामा मचा दिया है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने देर रात तृणमूल कांग्रेस के चार बड़े नेताओं को जमानत देने के विशेष सीबीआई अदालत के आदेश पर रोक लगा दी है.

इसके पहले सोमवार को दिन में ममता बनर्जी के कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम समेत चार नेताओं को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, हालांकि इन्हें स्पेशल कोर्ट से जमानत भी मिल गई थी. लेकिन अब कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के बाद गिरफ्तार सभी आरोपियों को सीबीआई की न्यायिक हिरासत में रहना होगा.

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अब मामले में अगली सुनवाई 19 मई को होगी. इसलिए हाईकोर्ट के समक्ष मामले की सुनवाई होने तक तृणमूल के चारों नेताओं को प्रेसीडेंसी जेल में ही रहना होगा.

बता दें कि नारदा स्टिंग टेप मामले में सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्रियों- फिरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी के साथ-साथ मौजूदा विधायक मदन मित्रा और कोलकाता नगर निगम के पूर्व मेयर सोवोन चट्टोपाध्याय को गिरफ्तार करने के बाद सोमवार सुबह से राज्य में भारी ड्रामा देखने को मिला. पहले सीबीआई नेताओं के घर पहुंची फिर उन्हें सीबीआई दफ्तर पहुंचने के लिए कहा गया.

अपने नेताओं से पूछताछ के दौरान ही बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी CBI के दफ्तर पहुंचीं और धरना शुरू कर दिया. उन्होंने CBI से कहा कि आप मुझे भी गिरफ्तार कीजिए. ममता बनर्जी करीब 6 घंटे तक CBI के ऑफिस में ही मौजूद रहीं.

अब सीबीआई के इस एक्शन पर विपक्षी नेता केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं और इस कार्रवाई को बदला बता रहे हैं.

सीबीआई की इस कार्रवाई के बाद टीएमसी ने कहा है कि मोदी सरकार बंगाल में हार बर्दाश्त नहीं कर पा रही है, इसलिए बदले की कार्रवाई कर रही है.

CBI आजाद संस्था नहीं- कपिल सिब्बल

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ममता बनर्जी के समर्थन में आए हैं, उन्होंने सीबीआई और बीजेपी को लेकर टिप्पणी की है. उन्होंने CBI को (C)an’t (B)e (I)ndependent (CBI) मतलब सीबीआई स्वतंत्र नहीं हो सकती कहा है. उन्होंने आगे कहा,

अब जबकि बीजेपी हार गई है, ममता सरकार को अस्थिर करने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है. कानून की रक्षा के लिए बनी संस्था का इस्तेमाल बीजेपी के हितों की रक्षा के लिए किया जा रहा है.

सीपीआई(एमएल) नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने भी टीएमसी नेताओं को जेल भेजने पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा, “एक उच्च न्यायालय ने आधी रात को सीबीआई कोर्ट द्वारा दी गई जमानत पर रोक लगाने के लिए एक पक्षीय आदेश जारी किया और मंत्रियों को कुछ घंटे बाद जेल ले जाया गया, यह सब एक भयंकर महामारी के बीच में! स्पष्ट रूप से, हमारा लोकतंत्र दिन के शोर के बजाय रात के शांत को पसंद करता है!”

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पूर्व राजनयिक के सी सिंह ने नारदा स्कैम केस में बीजेपी नेताओं पर कार्रवाई न होने का मामला उठाया है. केसी सिंह ने कहा, “क्या हो रहा है. नारदा केस - कई साजिशकर्ता. ममता बनर्जी ने चुनाव में बीजेपी को पछाड़ा तो टीएमसी में शामिल लोगों को सीबीआई ने पकड़ा, दलबदलुओं ने जमकर बीजेपी के ठुमके लगाए. एक राष्ट्र. दो कानून. कई खेल.”

बता दें कि नारदा स्टिंग ऑपरेशन में मौजूदा बीजेपी नेता मुकुल राय, ममता के पूर्व सहयोगी और फिलहाल बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी, सुब्रत मुखर्जी, सुल्तान अहमद, काकोली घोष दस्तीदार, प्रसून बनर्जी, शोभन चटर्जी, मदन मित्र, इकबाल अहमद और फिरहाद हकीम का नाम सामने आया था. लेकिन फिलहाल सिर्फ टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी हुई है. जबकि बीजेपी में शामिल हुए सुवेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

नारदा स्टिंग केस क्या है ?

साल 2016 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से ठीक पहले नारदा न्यूज के सीईओ मैथ्यू सैमुएल ने एक स्टिंग वीडियो जारी किया था. इस वीडियो में वे एक कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर तृणमूल कांग्रेस के सात सांसदों, तीन मंत्रियों और कोलकाता नगर निगम के मेयर शोभन चटर्जी से मिले थे और एक काम के बदले मोटी रकम देते नजर आए थे. बताया गया था कि ये टेप 2014 में बनाया गया था. जिसके बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने मार्च, 2017 में स्टिंग ऑपरेशन को लेकर सीबीआई जांच का आदेश दिया था.

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