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नवजोत सिद्धू ने सोनिया गांधी को लिखा खत,13 मुद्दों के साथ मुलाकात का समय मांगा

Sonia Gandhi ने एक दिन पहले ही CWC की बैठक में अपने नेताओं को मीडिया के जरिए बात ना करने की नसीहत दी थी.

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कांग्रेस (Congress) वर्किंग कमिटी की बैठक में पार्टी की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने अपने नेताओं को मीडिया के जरिए बात ना करने की नसीहत दी थी, लेकिन एक दिन बाद ही पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने सोनिया गांधी को लिखे अपने लेटर को ट्विटर पर शेयर किया है.

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इस लेटर में पंजाब में गवर्नेंस से जुड़ा 13 सूत्री एजेंडा शामिल है जो सिद्धू के अनुसार "प्राथमिक" हैं और 2017 के चुनावों से पहले किए गए वादे हैं जो उनके अनुसार चुनाव के पहले "राज्य सरकार को अवश्य पूरा करना चाहिए". सिद्धू ने मांग की है कि पार्टी आलाकमान इसके संबंध में राज्य की चन्नी सरकार को निर्देश दे.

इसके अलावा अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव पर नजर रखते हुए सिद्धू ने सोनिया गांधी से अपने 13-सूत्रीय एजेंडे को पेश करने के लिए एक व्यक्तिगत मुलाकात का समय भी मांगा, ताकि इन्हें पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र का हिस्सा बनाया जा सके. सिद्धू ने आज ट्विटर पर 15 अक्टूबर को लिखे गए लेटर को साझा किया है.

लेटर में क्या है ?

नवजोत सिंह सिद्धू ने लिखा कि पंजाब पहले देश का सबसे अमीर राज्य होता था, लेकिन अब सबसे ज्यादा कर्जदार है. लेटर में सिद्धू ने बेअदबी के मामले, पंजाब में ड्रग्स की समस्या, कृषि के मुद्दे, रोजगार के अवसर, रेत खनन, पिछड़ी जातियों के कल्याण, बिजली और परिवहन जैसे 13 प्वाइंट्स शामिल किये हैं.

सिद्धू ने इस बात पर जोर दिया कि इस “13 सूत्रीय एजेंडा” को जल्द से जल्द हल करने की आवश्यकता है. उन्होंने लेटर में सोनिया गांधी से कहा कि

“मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया इन बिंदुओं पर विचार करें और राज्य सरकार को पंजाब के लोगों के हित में तुरंत कार्य करने के लिए अपना उचित निर्देश दें"

गौरतलब है कि सिद्धू ने हाल ही में पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में इस्तीफा दे दिया था. हालांकि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद उन्हें इस्तीफा वापस लेने और अपनी जिम्मेदारियों को जारी रखने के लिए कहा गया.

उन्होंने राहुल गांधी और के सी वेणुगोपाल से मुलाकात के बाद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपना इस्तीफा वापस ले लिया था. हालांकि, उन्होंने सोनिया गांधी को लिखे अपने लेटर में राज्य कांग्रेस प्रमुख के रूप में अपना पदनाम नहीं लिखा है.

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