ADVERTISEMENTREMOVE AD

कैसे बनी उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति, जानिए- बैठक की बड़ी बातें

मुख्यमंत्री पद के लिए उद्धव ठाकरे के नाम पर बनी सहमति

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

महाराष्ट्र में सरकार का सस्पेंस आखिरकार खत्म हो गया है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री होंगे. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कांग्रेस और शिवसेना के साथ हुई बैठक के बाद कहा कि उद्धव ठाकरे के नाम पर आम सहमति बन गई है.

शनिवार को तीनों पार्टियां सरकार बनाने का दावा ठोकने राज्यपाल के पास जा सकती हैं. क्विंट को मिली जानकारी के मुताबिक, तीनों पार्टियों के बीच ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बन गई है. लेकिन कुछ मुद्दों पर सहमति को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्विंट को सूत्रों से मिली जानकारी

  • एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना नेता संजय राउत के साथ खुद उद्धव ठाकरे के नाम का प्रस्ताव रखा
  • एनसीपी के साथ कांग्रेस और शिवसेना ने फौरन इस प्रस्ताव पर सहमति जताई
  • तीन घंटे से ज्यादा चली बैठक में सीटों के बंटवारे पर लंबी चर्चा हुई
  • क्विंट को मिली जानकारी में जो फॉर्मूला सामने आया है उसके मुताबिक शिवसेना को सीएम के साथ 15 और मंत्री पद मिलेंगे.
  • एनसीपी के हिस्से में 15 मंत्री पद आएंगे.
  • जबकि12 मंत्री कांग्रेस पार्टी के कोटे से बनेंगे.

सूत्रों के मुताबिक कुछ अहम मंत्रालयों पर सहमति बन गई है.

  • गृह मंत्रालय- एनसीपी
  • शहरी विकास और हाउसिंग- एनसीपी
  • रेवेन्यू- कांग्रेस
  • पीडब्लूडी- एनसीपी
  • पावर- कांग्रेस
  • स्कूली शिक्षा- शिवसेना
  • कृषि- शिवसेना
  • ग्राम विकास- एनसीपी
विधानसभा के स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और अहम कॉर्पोरेशन को लेकर भी लंबी चर्चा हुई. इन सब मुद्दों पर शनिवार को भी तीनों पार्टियों की चर्चा जारी रहेगी.

बाकी है एक पेंच

शिवसेना सूत्रों का कहना है कि उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति भले ही बन गई हो लेकिन सीएम बनने को लेकर आखिरी फैसला उन्हें खुद ही लेना है.

हालांकि, ज्यादा आसार इसी बात के हैं कि वो पार्टी और कार्यकर्ताओं की भावनाओं का ख्याल रखते हुए पद स्वीकार लेंगे लेकिन आखिरी वक्त पर परिवार की परंपरा आड़े आ सकती है.

ठाकरे परिवार में आज तक किसी ने सरकार में कोई पद नहीं लिया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

महाराष्ट्र में क्या रहे नतीजे

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 105 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि शिवसेना 56, एनसीपी 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर कब्जा किया था.

शिवसेनाऔर बीजेपी ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन सरकार बनाने को लेकर दोनों के बीच सहमति नहीं बन सकी. शिवसेना ने सीएम पद को लेकर 50:50 का मुद्दाउठाया था, जिसे बीजेपी मानने को तैयार नहीं हुई. उसके बाद दोनोंपार्टियों का गठबंधन टूट गया. इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×