पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) द्वारा नई संसद भवन के उद्घाटन के बाद, कई विपक्षी पार्टियों ने खुलकर इसको बॉयकॉट करने की घोषणा की है. विपक्ष इसके जरिए अपनी संयुक्त एकजुटता दिखाने की कोशिश में था लेकिन इन्हें बीएसपी, बीजेडी और वाईएसआरसीपी जैसी पार्टियों से झटका मिला है.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने केंद्र सरकार का समर्थन किया है तो वहीं बीजू जनता दल और वाईएसआरसीपी दोनों ने बुधवार को उद्घाटन समारोह में भाग लेने के अपने फैसले की घोषणा की.
विपक्ष को मायूस करती बीएसपी सुप्रीमो मायावती
तमाम विपक्षी पार्टियों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में केंद्र में काबिज मोदी सरकार पर उद्घाटन में राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं होने के लिए हमला बोला था. पार्टियों ने तर्क दिया कि संसद भवन का उद्घाट्न पीएम मोदी की जगह राष्ट्रपति को करना चाहिए और ऐसा नहीं करना दलितों, और आदिवासियों का अपमान है. तमाम विपक्षी पार्टियां इस तर्क को लेकर लगातार बीजेपी पर हमलावर थी, लेकिन 25 मई को बीएसपी सुप्रीमो के बयान ने इस घेराबंदी में सेंध लगा दी है.
बीएसपी सुप्रीमो और दलितों की नेता कही जाने वाली मायावती ने केंद्र सरकार का समर्थन करते हुए ट्वीट किया कि, "केन्द्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की, बीएसपी ने देश व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है तथा 28 मई को संसद के नये भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है."
विपक्ष की मांगों पर उन्होंने लिखा कि,
"राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा नए संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित. सरकार ने इसको बनाया है इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है. इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित. यह उन्हें निर्विरोध न चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था."
मायावती ने आगे लिखा है कि, "देश को समर्पित होने वाले कार्यक्रम अर्थात नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है, जिसके लिए आभार और मेरी शुभकामनायें. किन्तु पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों सम्बंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं उस समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी."
पार्टियों की बैलेंसिंग पोजीशन
बीजेडी ने कहा कि उसका मानना है कि लोकतंत्र के प्रतीक के रूप में संसद राजनीति से ऊपर है, और उसके अधिकार और कद की हमेशा रक्षा की जानी चाहिए. बीजेडी का मानना है कि इन संवैधानिक संस्थानों को किसी भी मुद्दे से ऊपर होना चाहिए जो उनकी पवित्रता और सम्मान को प्रभावित कर सकता है. इस तरह के मुद्दों पर हमेशा सदन में चर्चा की जा सकती है' वर्तमान में, पार्टी के लोकसभा में 12 और राज्यसभा में आठ सांसद हैं.
"भारत के राष्ट्रपति भारतीय राज्य के प्रमुख हैं. संसद भारत के 1.4 बिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करती है. दोनों संस्थान भारतीय लोकतंत्र के प्रतीक हैं और भारत के संविधान से अपना अधिकार प्राप्त करते हैं."बीजेडी का पत्र
इस बीच वाईएसआरसीपी ने भी पुष्टि की कि वह इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. केंद्र ने हाल ही में जून 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद से आंध्र प्रदेश को फंड्स की सबसे बड़ी किस्त को मंजूरी दी थी. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी भी केंद्र की नीतियों के सूक्ष्म समर्थन में बने हुए हैं, केवल चुनिंदा मामलों में विपक्ष में शामिल हुए हैं .
शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल 28 मई को दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल होंगे. पार्टी नेता दलजीत सिंह चीमा ने बुधवार को इसकी सूचना दी है. दलजीत सिंह चीमा ने कहा देश को एक नया संसद भवन मिल रहा है और यह गर्व का क्षण है, और "हम इस समय कोई राजनीति नहीं करना चाहते हैं."
विपक्षी दलों ने कहा है कि प्रधान मंत्री द्वारा स्वयं भवन का उद्घाटन करने का निर्णय, "राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पूरी तरह से दरकिनार करना, न केवल एक घोर अपमान है, बल्कि हमारे लोकतंत्र पर सीधा हमला है जो एक समान प्रतिक्रिया की मांग करता है."
इन पार्टियों के सिवा AIADMK, तेलगु देसुम पार्टी, भी उन पार्टियों में शामिल है जो संसद भवन के उद्घाटन में शामिल हो सकते है.
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