मध्य प्रदेश के भोपाल से बीजेपी की सांसद और मालेगांव बम धमाकों की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. कोर्ट ने प्रज्ञा को किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है. एनआईए कोर्ट ने प्रज्ञा को हफ्ते में एक बार पेश होने के निर्देश दिए हैं. प्रज्ञा ठाकुर फिलहाल जमानत पर बाहर हैं.
स्वास्थ्य कारणों से जमानत
प्रज्ञा ठाकुर ने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जमानत याचिका दायर की थी. जिसके बाद कोर्ट ने प्रज्ञा की जमानत मंजूर कर दी थी. हालांकि कोर्ट ने उन्हें इस मामले में दोषमुक्त नहीं किया था. प्रज्ञा के खिलाफ अभी भी मामला चल रहा है, जिसकी सुनवाई के लिए अब कोर्ट ने उन्हें पेश होने के निर्देश जारी किए हैं.
जमानत मिलते ही बनीं बीजेपी सांसद
प्रज्ञा ठाकुर को जमानत मिलते ही उनकी किस्मत ने नया मोड़ लिया. उन्हें बीजेपी ने मध्य प्रदेश के भोपाल से लोकसभा उम्मीदवार के तौर पर पेश किया. बीजेपी ने हिंदुत्व के चेहरे के तौर पर प्रज्ञा को पेश किया. हालांकि प्रज्ञा ठाकुर ने राजनीति में आते ही कई विवादित बयान भी दे डाले. जिस पर बीजेपी को फजीहत भी झेलनी पड़ी. लेकिन इस सबके बावजूद प्रज्ञा ने कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह को हराया और सांसद बन गईं.
प्रज्ञा ठाकुर ने हाल ही में अपनी एक चुनावी यात्रा के दौरान महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे को सबसे बड़ा देशभक्त बता दिया था. जिसके बाद बीजेपी को खुद उनके बयान से किनारा करना पड़ा. फजीहत के बाद उन्होंने खुद अपने इस बयान के लिए माफी मांगी
क्या बोले थे अमित शाह?
लोकसभा चुनाव के ठीक बाद तब बीजेपी अध्यक्ष और वर्तमान में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि प्रज्ञा ठाकुर की उम्मीदवारी पर उन्हें बिल्कुल भी अफसोस नहीं है. उन्होंने कहा था, 'प्रज्ञा की उम्मीदवारी भगवा आतंकवाद के फर्जी आरोप के खिलाफ हमारा सत्याग्रह है. इस आरोप के लिए कांग्रेस अध्यक्ष को माफी मांगनी चाहिए.'
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