राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहने की अनिश्चितताओं के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि ‘गांधी परिवार’ से बाहर के व्यक्ति को पार्टी अध्यक्ष बनाया जा सकता है लेकिन गांधी परिवार को पार्टी में सक्रिय रहना होगा.
उन्होंने दावा किया कि बीजेपी का लक्ष्य “गांधी मुक्त कांग्रेस” है ताकि फिर “कांग्रेस मुक्त भारत” का उनका उद्देश्य पूरा हो सके.
‘अध्यक्ष पद भले छोड़ दें, लेकिन संगठन में सक्रिय रहें’
अय्यर ने कहा कि अगर राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष बने रहते हैं तो यह सबसे अच्छा होगा लेकिन साथ ही राहुल की इच्छाओं का भी सम्मान होना चाहिए.
उन्होंने कहा-
“मुझे यकीन है कि पार्टी का अध्यक्ष कोई नेहरू-गांधी न भी हो तब भी हमारा अस्तित्व कायम रहेगा. बशर्ते नेहरू-गांधी परिवार पार्टी में सक्रिय रहे और ऐसे संकट का समाधान निकालने में मदद करे, जहां गंभीर मतभेद पैदा हों.”
अय्यर ने कहा कि राहुल ने अध्यक्ष पद के लिए कोई अन्य विकल्प ढूंढने के लिए एक महीने का वक्त दिया है और इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के भीतर बातचीत जारी है जहां पार्टी में ज्यादातर लोग राहुल के पद पर बने रहने के पक्ष में हैं.
‘गांधी मुक्त कांग्रेस है बीजेपी का लक्ष्य’
हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मीडिया को अटकलें लगाने की बजाय यह जानने के लिए “अंतिम समय सीमा” का इंतजार करना चाहिए कि क्या कोई विकल्प मिल गया है या राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने के लिए मना लिया गया है. अय्यर ने कहा-
“मुझे नहीं लगता कि यह व्यक्तित्व का मामला है. मैं जानता हूं कि बीजेपी का लक्ष्य गांधी मुक्त कांग्रेस और नतीजन कांग्रेस मुक्त भारत है. मेरे विचार में हम उस सोच के जाल में फंसने वाले नहीं हैं कि उन्होंने कुछ ऐसा पता लगा लिया है जिसे खोज पाने में हम असमर्थ हैं.”
संगठन के शीर्ष नेतृत्व में फेरबदल की जरूरत को लेकर पूछे गए सवाल पर 78 वर्षीय अय्यर ने कहा, “अगर आप सिर ही कलम कर देंगे तो धड़ फड़फड़ाने लगेगा.”
‘यकीन है, फिर खड़ी होगी कांग्रेस’
अय्यर ने पार्टी के इतिहास से ऐसे कई उदाहरण पेश किए जब नेहरू-गांधी परिवार से बाहर के लोग पार्टी के अध्यक्ष रहे, यू एन ढेबर से लेकर ब्रह्मानंद रेड्डी तक. उन्होंने कहा कि अब भी इस मॉडल को अपनाया जा सकता है.
जैसा कि हम जानते हैं कि सोनिया गांधी संसदीय दल की प्रमुख हैं और राहुल गांधी हमारे संसदीय दल का हिस्सा हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि चाहे राहुल गांधी हों या कोई और, कांग्रेस अपनी विचारधारा के साथ फिर लड़ेगी और जीतेगी.
अध्यक्ष पद से इस्तीफे पर अड़े हैं राहुल गांधी
कांग्रेस को लोकसभा चुनाव 2019 में कुल 52 सीटें मिली हैं. इसी सिलसिले में बीते 25 मई को लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक के दौरान राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ने की पेशकश की थी.
हालांकि, CWC ने एकमत से राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश को खारिज कर दिया था, लेकिन राहुल गांधी अपने फैसले पर अड़े हुए हैं.
अपने अगले कदमों की अटकलों के बीच, राहुल गांधी ने बीते गुरुवार को कहा था कि पार्टी फैसला ले कि उनके बाद इस पद को कौन संभालेगा और क्योंकि अब वह इस पद पर नहीं रहना चाहते हैं.
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